नईदिल्ली।मोदी सरकार से आर्थिक नीतियों पर चल रहे विवाद के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उन्होंने इस्तीफा देने का कारण निजी समस्याओं को बताया है. वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक 4-5 महीने पहले आरबीआई गर्वनर के इस्तीफा देने से राजनीति गर्मा गई है. विपक्ष के अलावा बीजेपी नेता भी पटेल के इस्तीफे को देश की अर्थव्यवस्था के लिए हानि बता रहे हैं. कांग्रेस ने इसकी तुलना वित्तीय आपातकाल से की है.
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वित्तीय आपातकाल जैसी स्थिति: कांग्रेस
उर्जित पटेल के इस्तीफे को लेकर सोनिया गांधी के करीबी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा, जिस तरह से आरबीआई के गवर्नर को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. यह भारत की मौद्रिक और बैंकिंग प्रणाली के लिए एक धब्बे की तरह है. बीजेपी सरकार में वित्तीय आपातकाल जैसी स्थिति है जिसे इस इस्तीफे ने उजागर कर दिया है. देश की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता अब दांव पर है।
देश की अर्थव्यवस्था को होगा नुकसान: सुब्रमण्यम स्वामी
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘उनका इस्तीफा हमारी अर्थव्यवस्था, रिजर्व बैंक और सरकार के लिए ठीक नहीं है. उन्हें कम से कम जुलाई तक अपने पद पर बने रहना चाहिए था यब उस वक्त तक जबतक नई सरकार नहीं बन जाती. पीएम को उन्हें बुलाकर उनसे समस्या जाननी चाहिए और इस देश के लोगों के हित में उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहना चाहिए’।
अपने इस्तीफे के बाद इस बारे में ज़्यादा जानकारी देते बुए उर्जित पटेल ने कहा, ‘व्यक्तिगत कारणों की वजह से मैंने मौजूदा पद तत्काल प्रभाव से छोड़ने का फैसला किया है. वर्षों तक रिजर्व बैंक में विभिन्न जिम्मेदारियों के साथ मुझे रिजर्व बैंक में सेवा का मौका मिला, यह मेरे लिए सम्मान की बात है.’