रायपुर।जकांछ नेता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि प्रदेश से भाजपा सरकार चली गई परन्तु उस सरकार के विभिन्न पदों पर आसीन् पदाधिकारीगण पद मोह के तहत ईस्तीफा देने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है जो गैरवाजिब है। 15 साल की सत्ता का ऐशोआराम उन्हे पद त्यागने से रोक रहा है। वर्तमान सरकार द्वारा पद मुक्ति के आदेश से होने वाले अपमान से बचने के लिए उन्हे स्वस्फूर्त पद त्याग देना चाहिए।
रिजवी ने खासतौर से कहा है कि भाजपा सरकार में मुस्लिम इदारे जैसे वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, हज कमेटी, अल्पसंख्यक आयोग एवं उर्दू अकादमी के सभी पदाधिकारियो को भी इस दिशा में पहल करने में हिचकिचाना नही चाहिए वरन् उनके लिए नैतिकता के नाते सभी पदो से तत्काल इस्तीफा दे देना उपयुक्त होगा।
यह पहल न केवल पदाधिकारियों वरन् मुस्लिम समाज के सम्मान के खातिर भी आवश्यक है। पद तो आते जाते रहते है परन्तु आत्मसम्मान वापस नही आता है। इसलिए कहा गया है कि आत्मसम्मान अर्थात् जमीर सर्वोपरि है। वैसे भी भाजपा शासनकाल में अल्पसंख्यक सरकार के उपेक्षित व्यवहार से मुस्लिम पीड़ित एवं प्रताड़ित रहे है।
अल्पसंख्यक भाजपाई पदाधिकारियो ने यह भी सिद्ध कर दिखाया था कि वे भाजपा में केवल नाम मात्र के पदाधिकारी है क्योकि शासन द्वारा उनकी जुबान पर ताले जड़ दिये गये थे।