चिटफण्ड के आरोपी पटवारी निलंबित…बिना बताए काम से थे नदारद…आरोपियों की पुलिस को अब भी इंतजार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर-कवर्धाः– राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारी विपुल गुप्ता ने तीन पटवारियों को निलंबित कर दिया है। मालूम हो कि पटवारी सतानन्द चन्द्राकर और प्रदीप चन्द्राकर चिटफण्ड मामले में करोड़ों रूपए के घोटाले में आरोपी हैं। दोनों पर कुछ दिनों पूर्व गिरफ्तार करने गए क्राइम ब्रांच पुलिस जवानों से मारपीट करने और सरकारी काम में बाधा पहुंंचाने का भी आरोप है। पटवारी के परिजनों ने पुलिस वाहन में भी तोड़पोड़ की थी।
                   बिलासपुर के सिविल लाइन,कोतवाली,कोनी और सरकण्डा थाना में दर्ज चिटफण्ड में शामिल करो़ड़ों रूपयों के घोटालेबाज तीन पटवारियों को निलंबित कर दिया गया है। तीनों पटवारी पिछले एक महीने से काम से नदारद है। बताया जा रहा है निलबित पटवारी पुलिस गिरफ्तारी से बचने फरार हैं। तीनों बिलासपुर पुलिस गंभीरता के साथ तलाश कर रही है।
       कवर्धा जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनसुार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कवर्धा  विपुल गुप्ता ने तीनों पटवारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। पटवारी हल्का नंबर 17 और अतिरिक्त प्रभार पटवारी हल्का नंबर 21  प्रदीप चन्द्राकर के अलावा पटवारी हल्का नंबर 18 संतानंद कुमार चंद्राकर बिना कोई पूर्व सूचना अपने कर्तव्य से नदारद हैं।
             लगातार अनुपस्थित रहने के कारण और शिकायत के बाद तीनों पटवारियों को तत्काल प्रभाव से एसडीएम विपुल गुप्ता ने निलंबित कर दिया है। अनुविभागीय अधिकारी विपुल गुप्ता के आदेश के अनुसार निलंबन के दौरान तीनों पटवारी मुख्यालय तहसील कवर्धा में संलग्न रहेंगे। जीवन निर्वाह भत्ता शासन के आदेशानुसार दिया जाएगा। राजस्व निरीक्षक कवर्धा के प्रतिवेदन अनुसार  सुरेश ताराम पटवारी हल्का नंबर चार राजस्व निरीक्षक मण्डल कवर्धा जेल में निरूद्ध होने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
                  बताते चलें कि प्रदीप चन्द्राकर और सतानन्द चन्द्राकर बिलासपुर में चिटफण्ड के माध्यम से कई लोगों को मिलाकर करोड़ों रूपयों का चपत लगाया है। धोखा खाने वालों में शहर के कई संभ्रात और रसूखदार के साथ गरीब लोग भी शामिल हैं। सतानन्द चन्द्राकर ने सभी से रूपया दो गुना करने का लालच देकर लाकों रूपए इन्वेस्ट कराया। एनटीपीसी,एसईसीएल समेत कन्स्ट्रक्शन में रूपया निवेश करने के बहाने लोगों से रूपया लिया। बाद में सभी को धोखा देकर नौ दो ग्यारह हो गया। इस दौरान चन्द्राकर ने एकेडमी भी खोला। यहीं से चिटफण्ड के कार्यों को अंजाम दिया।
                               सतानन्द और प्रदीप के खिलाफ लोगों ने कोनी,कोतवाली,सिविल लाइन और सरकण्डा थाने में धोखाधडी की शिकायत की। वरिष्ठ पुलिस कप्तान आरिफ शेख ने शिकायत की जांच के बाद आरोपियों को पकडने क्राइम ब्रांच की टीम को कवर्धा भेजा। आरोपियों ने पुलिस कार्रवाई से बचने परिजनों और पहचान वालो के साथ जवानों से मारपीट की। सरकारी वाहन में तोड़फोड़ की। इस दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन भी मौजूद था। बावजूद इसके आरोपियों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करते हुए बिलासपुर पुलिस जवानों के ही खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
                                    बहरहाल चिटफण्ड के आरोपियों की तलाश अभी है। फिलहाल तीनों को जिला प्रशासन कवर्धा ने निलंबित कर दिया है।
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