सड़क पर उतरे डिजीटल इंडिया के कार्यकर्ता

BHASKAR MISHRA
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IMG_20150908_135415बिलासपुर— हजारों की संख्या में आज पंचायत सहायक डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया। आपरेटरों ने राज्य सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तुगलकी फरमान के जरिए शासन उन्हें मौत के मुंह में धकेलना चाहती है।

                        आपरेटर संघ के नेता ने बताया कि सरकार हमें यूज करने के बाद नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दी है। इससे हजारों परिवार के सामने रोजी रोटी की संकट खड़ी हो गयी है। डाटा एन्ट्री आपरेटर संघ ने आज परिवार समेत भारी संख्या में कलेक्टर का घेराव कर सरकार के फरमान को वापिस लेने की गुहार लगाई है। मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

               कोन्हेर गार्डन से आज हजारों की संख्या में डाटा एंट्री आपरेटरों ने सरकार के आदेश का विरोध करते हुए अपने परिवार के साथ जिला कार्यालय का घेराव किया। इस मौके पर भीड़ ने सरकार पर तुगलकी फरमान को वापिस लेने का दबाव बनाया। भीड़ कई मासूम बच्चे भी अपनी मां के साथ हड़ताल में शामिल हुए। ये वो बच्चें हैं जिन्होंने अभी तक जमीन पर पैर नहीं रखा है। लेकिन तेज धूप में मां की आंचल के भीतर से उन्होंने भी हड़ताल का समर्थन किया।

               पंचायत सहायक सह डाटा एन्ट्री आपरेटर संघ के जिला अध्यक्ष बजरंग सिंह ठाकुर ने बताया कि एक तरफ केन्द्र सरकार डिजीटल इंडिया का सपना देख रही है। तो दूसरी तरफ राज्य सरकार डिजीटल इंडिया के कर्मचारियों को ही नौकरी से बाहर निकालने का आदेश जारी कर दिया है। बजरंग ने बताया कि सरकार के इस फरमान से प्रदेश के साढ़े सात हजार से अधिक लोगों का परिवार सड़क पर आ जाएगा।

             मालूम हो कि मार्च 2014 में राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजना के तहत पंचायत सहायक डाटा एंट्री आपरेटरों की भर्ती की गयी थी। इस योजना के तहत नियुक्त कर्मचारियों पर जन्म मृत्यु,विवाह पंजीयन समेत अन्य कई प्रकार की कम्यूटर संबधि कार्य का जिम्मा है। 26 अगस्त को राज्य सरकार ने एक फरमान जारी कर सभी डाटा आपरेटरों को एक महीने के भीतर सेवामुक्त करने को कहा है।

               जिला अध्यक्ष बजरंग सिंह ठाकुर ने बताया कि राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजना पहले भारत सरकार चलाती थी। बाद में राज्य सरकार ने इसे मुख्यमंत्री सशक्तिकरण योजना का नाम देकर चलाना शुरू किया। 26 अगस्त को एक आदेश के जरिए राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों को सेवामुक्त करने का आदेश दिया है। ठाकुर ने कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार डिजिटल इंडिया बनाने की बात कह रही है ऐसे में दक्ष डिजिटल कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखाना अन्याय है। रमन सरकार के तुगलकी फरमान ने हमें सड़क पर लाकर पटक दिया है। हमारे सामने अपने परिवार के पालन पोषण की समस्या खड़ी हो गयी है।

           बजरंग ने बताया कि हमने सरकार के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ विधायक,मंत्री, कलेक्टर और नेताओं के सामने कई बार नाक रगड़ा। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। इसलिए मजबूर होकर हम लोगों ने अपने बाल बच्चों के साथ कलेक्टर का घेराव किया ।

         बजरंग ने बताया कि यदि उनकी फरियाद को नहीं सुना गया तो वे लोग सामुहिक भूख हड़ताल और उग्र आंदोलन करेंगे।

           कलेक्टर कार्यालय में डाटा एंट्री आपरेटरों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कर्मचारियों को जमकर पसीना बहाना पड़ा।

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