आरंग।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कबीर जयंती के अवसर पर पूरे प्रदेश में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने आज रायपुर जिले के सेमरिया ग्राम (विकासखण्ड-आरंग) में छत्तीसगढ़ कबीर पंथी साहू समाज के तीन दिवसीय वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए समाज के पदाधिकारियों के आग्रह पर यह घोषणा की। अधिवेशन का आज दूसरा दिन था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर समाज की स्मारिका का विमोचन और लगभग 30 लाख रूपए की लागत से निर्मित छात्रावास भवन का लोकार्पण किया।
इसके साथ ही उन्होंने भवन विस्तार के लिए 20 लाख रूपए की धन राशि मंजूर करने की भी घोषणा की। मुख्य अतिथि की आसंदी से अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर जैसे महापुरूष बिरले ही देखने को मिलते हैं। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर कठोरता से प्रहार किया।
उन्होंने गुरू और ईश्वर के प्रति प्रेम और सामाजिक समरसता का संदेश दिया। उनका पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित था। संत कबीर जैसी विभूतियों की आज सबसे ज्यादा जरूरत है। उनके बताए रास्ते पर चलकर देश और दुनिया उन्नति की राह पर काफी आगे बढ़ सकते हैं।
सीएम बघेल ने कहा – छत्तीसगढ़ के जन-जीवन पर संत कबीर और बाबा गुरूघासीदास का व्यापक प्रभाव है। उनके बताए रास्ते पर चलकर पूर्वजों के सपनों के अनुरूप छत्तीसगढ़ को एक विकसित राज्य बनाएंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों में लिंकिंग में धान देने वाले किसानों के खाते में 1248 करोड़ रूपए की राशि जमा करा दी गई है। आगामी बजट में किसानों की कर्ज माफी के लिए 6100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया जा रहा है। सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंक से ऋण लेने वाले किसानों के साथ अन्य बैंकों से ऋण वाले किसानों के ऋण माफ करने के संबंध में राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंक के साथ अन्य बैंकों के ऋण माफ करने पर राज्य सरकार पर लगभग आठ हजार करोड़ रूपए का भार आएगा। इसके साथ ही साथ 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी में भी लगभग चार हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त भार आएगा। किसानों के लिए राज्य सरकार लगभग 12 हजार करोड़ रूपए की व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों में समृद्धि आएगी, तो मजदूरों की मजदूरी बढ़ेगी, बाजार फलेंगे-फूलेंगे, नये-नये रोजगार धंधे प्रारंभ होंगे और पूरे छत्तीसगढ़ में रौनक आएगी। शराब बंदी के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके लिए समाज का सहयोग भी चाहिए। समाज में भी शराब बंदी को लेकर जन-जागरण होना चाहिए।