सीएमडी ने कहा…हड़ताल राष्ट्रहित में ठीक नहीं..श्रम संघ से की लिखित अपील…काम पर लौटे अन्यथा होगी कार्रवाई

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—एसईसीएल सीएमडी ए.पी. पण्डा ने श्रम संगठनों से हड़ताल से लौटने को कहा है। मालूम हो कि केन्द्रीय श्रम संगठनों ने संयुक्त रूप से दो दिवसीय आम हड़ताल का एलान किया है। हड़ताल के मद्देनजर ने एसईसीएल ने कंपनी संंचालन समिति की बैठक बुलाकर सभी श्रम संगठनो को देशहित में हड़ताल पर नहीं जाने को कहा है।

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            मालूम हो कि केन्द्रीय श्रम संगठनों ने राष्ट्रीय स्तर की मांगों को लेकर संयुक्त रूप से 8 और 9 जनवरी को दो दिवसीय आम हड़ताल पर जाने का एलान किया है। हड़ताल के मद्देनजर एसईसीएल प्रबंधन ने परस्पर विमर्श की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रबंधन ने कंपनी संचालन समिति की बैठक बुलाकर श्रम संगठनों को देश की ऊर्जा आपूर्ति की आवश्यकताओं के मद्देनजर प्रस्तावित हड़ताल को वापस लेने को कहा है। बैठक में संचालन समिति के विभिन्न श्रमसंघों एटक, सीटू, बीएमएस, एचएमएस, सीएमओएआई के प्रतिनिधियों के साथ एसईसीएल निदेशक मण्डल और शीर्ष प्रबंधन के लोग शामिल हुए।

                          श्रमसंघों से सीएमडी ने लिखित अपील कर हड़ताल में शामिल नही होने को कहा है। सीएमडी ने अपने अपील में कहा कि प्रस्तावित हड़ताल के संबंध में औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के प्रावधानों के तहत जानकारी क्षेत्रीय श्रमायुक्त (केन्द्रीय), बिलासपुर को दी गई है। प्रस्तावित हड़ताल के संबंध में संराधन प्रक्रियाधीन है।

              उन्होने यह भी कहा कि देश के सर्वांगीण विकास में ऊर्जा की नितांत आवश्यकता है। एसईसीएल कंपनी इसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में एसईसीएल का उत्पादन लक्ष्य 167 मिलियन टन और प्रेषण लक्ष्य 170.5 मिलियन टन है। उत्पादन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वर्तमान रफ्तार में गति लाने की आवश्यकता है। वर्तमान परिस्थितियों में हड़ताल के कारण न केवल कोयले के उत्पादन और प्रेषण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा बल्कि राष्ट्र के विकास में आवश्यक ऊर्जा आपूर्ति भी प्रभावित होगी।

                       सीएमडी ने अपने अपील में वैधानिक नियमों का हवाला देते हुए कहा कि भारत सरकार ने औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत कोयला उद्योग को लोकोपयोगी सेवा घोषित किया है। ऐसी स्थिति में हड़ताल करना अनुचित और  गैर-काूननी होगा। हड़ताल में शिरकत करने की  स्थिति में ’काम नही तो वेतन नहीं’ के सिद्धांत के आधार पर श्रम का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके अलावा अन्य कार्यवाईयां भी हो सकती है। सीएमडी ने यह भी कहा कि कोयला उद्योग में कार्यरत श्रमिकों का हड़ताल पर जाना न तो मजदूर हित में है, न कंपनी हित और न ही देश हित में है। श्रमिकों की दृढ़ इच्छाशक्ति और कार्य के प्रति समर्पण हमारी ताकत है। जिसने एसईसीएल को देश की सर्वश्रेष्ठ कोयला कंपनी होने का दर्जा प्रदान किया है।

                    एसईसीएल सीएमडी ए.पी. पण्डा ने एसईसीएल के समस्त क्षेत्रों में श्रमसंघ प्रतिनिधियों और जेसीसी के साथ बैठक कर दो दिवसीय हड़ताल संबंधी निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा है। प्रबंधन के साथ मिलकर कोयला उत्पादन और प्रेषण की गति अबाधित रखने की अपील की है।

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