रायपुर।छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय संयोजको का एक प्रतिनिधि मंडल शिक्षा मंत्री प्रेम प्रताप टेकाम से उनके रायपुर स्थित आवास में मुलाकात की और उन्हें बताये कि 6 जनवरी को फेडरेशन के लोग मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी से भिलाई में अपनी चार सूत्रीय मांगों वेतन विसंगति, क्रमोन्नति, सभी का संविलियन और लम्बित अनुकम्पा नियुक्ति लेकर मुलाकत किये थे जिस पर मुख्यमंत्री ने सभी दस्तावेज सहित एकबार राज्य के शिक्षा मंत्री से मुलाकत कर विस्तृत चर्चा के लिए समय प्रदान करवाये थे।सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
इसी परिपेक्ष्य में फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक मनीष मिश्रा,सुखनन्दन यादव,हुलेश चन्द्राकर,छोटे लाल साहू दुर्ग के जिलाध्यक्ष श्री कृष्णा वर्मा तथा जिला प्रवक्ता महेतरु साहू ने शिक्षा मंत्री से भेंट कर बताया कि वर्ग 3 की मुख्य मांग वेतन विसंगति,और क्रमोन्नति है जिसके लिए सालों से संघर्ष करते आ रहे है।
जिसका समाधान पूर्व की भाजपा सरकार ने नही किया जिसके परिणाम स्वरूप सभी सहायक शिक्षको ने आक्रोशित होकर कांग्रेस की सरकार को राज्य की बागडोर सौपने में कोई कसर नही छोड़ा अब जबकि शिक्षाकर्मीयो की सरकार राज्य में पदासीन हो गया है।
तो ऐसे में फेडरेशन के पदाधिकारियो की स्वभाविक हक है कि विपक्ष में रहते 2018 के विधानसभा में अपने जनघोषणा पत्र में रखे दो वर्ष में सभी का संविलियन और 1998 से 2018 तक पदोन्नति से वंचित शिक्षको को क्रमोन्नत वेतनमान के वादे को पूरा करने की मांग किये।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक मनीष मिश्रा और सुखनन्दन यादव ने बताया कि 2011 में भाजपा सरकार ने क्रमोन्नति का आदेश किया था जिसे 2013 में भूतलक्षी प्रभाव से खत्म कर दिया था जिसे कांग्रेस सत्ता पुनः बहाल कर तरह उसी वर्ष समयमान वेतनमान के नाम पर 5000 बेसिक दिया गया फिर एक वर्ष उपरांत पुनररीक्षित वेतनमान प्रदान करते हुए 4000 बेसिक पर फिक्सेशन किया गया।
जो विसंगति का कारण बना जबकि वर्ग 1 को और 2 को समानुपातिक वेतनमान दिया गया अगर उस वक्त हमे भी वर्ग 2 के समानुपातिक वेतनमान दे दिया जाता तो आज यह दिन देखना नही पड़ता पर पिछली सरकार के अत्याचार को वर्तमान कांग्रेस की सरकार और मुखिया श्री भूपेश बघेल जी से दूर करने की अपील फेडरेशन के पदाधिकारियो ने किया है ताकि सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शिक्षाकर्मी वर्ग 3 सहायक शिक्षको को उनका हम और अधिकार तत्काल मिल सके।
हुलेश चन्द्राकर और छोटे लाल साहू का कहना है कि छग राज्य में किसानों की कर्जमाफी की ही भाँति हमारे समस्याओं का भी समाधान किया जाना चाहिए ताकि जिस उद्देश्य से हमने सत्ता परिवर्तन में हाथ बताया है उसका पूरा-पूरा फायदा मिल सके और वर्षो का आर्थिक शोषण बन्द हो सके।वर्तमान में जबकि राज्य का अनुपूरक बजट सत्र चल रहा है और शासन द्वारा भारी भरकम बजट का प्रवधान किया गया है जिसमें शिक्षा के लिए भी लम्बा चौड़ा राशि का प्रवधान है शिक्षाकर्मीयो की आशा बन्ध गयी है परंतु अगर इस सत्र में वेतन विसंगति और क्रमोन्नति का घोषणा नही किया जाता है तो कांग्रेस की नवनियुक्त कांग्रेश सरकार भी आगामी लोकसभा में नुकसान उठा सकती है जिससे उन्हें बचना चाहिए ।
अब देखना है कि राज्य सरकार शिक्षाकर्मीयो को सहयोगी के रुप में अपनाता है या पूर्व सरकार की भांति अपने विरोध में खड़ा करता है यह सरकार के इच्छाशक्ति पर निर्भर है। फिरहाल तय कांग्रेस की सरकार को करना है।