ड्रायवर की हत्या में कोयला चोरो का हाथ..क्या पुलिस की भूमिका संदिग्ध ??पूछताछ के बाद होगी संचालक पर कार्रवाई

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर-मुंगेलीः नांदघाट टेमरी के पास लावारिश ट्रेलर और ड्रायवर की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया  है। हत्या और कोयला चोरी मामले में सरगांव स्थित कोल डीपो संचालक और कर्मचारियों का हाथ है। हत्या के चार में से तीन आरोपी मुंगेली पुलिस की पकड़ में है। चौथा आरोपी आज भी फरार है। मुंगेली पुलिस से हासिल खबर के अनुसार विवेचना के बाद कोयला डिपो संचालक और मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। हत्या और कोयला चोरी के आरोप में कार्रवाई की आंच रायपुर स्थित कोयला खरीदने वाले तक जाएगी। जल्द ही संचालक को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। मालूम हो कि सरगांव स्थित कोयला डिपो संचालक का नाम अमित ओबेराय है। मुंगेली पुलिस की ओबेराय की कोयला चोरी पृवत्ती की जानकारी पहले से ही है। बावजूद इसके ध्यान दिया गया।

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                                            मुंगेली पुलिस ने सरगांव थाना क्षेत्र के किरना से मिली सड़ी गली पुरानी लाश और नांदघाट के टेमरी में लावारिश ट्रक की गुत्थी को सुलझा लिया है। मुंगेली पुलिस के अनुसार नांदघाट टेमरी में मिला ट्रक और किरना में मिली लाश के बीच गहरा संबध है। सरगांव थाना के किरना में मिली लाश ट्रक ड्रायवर था। कोयला कारोबारी के आदमियों ने ही उसकी हत्या की है। तीन आरोपियों को पकड़ लिया गया है। चौथा आरोपी फरार है। जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा।

जीपीएस से मिनिट टू मिनिट की जानकारी

                 सूत्रों के अनुसार नांदघाट टेमरी में लावारिश ट्रक का मालिक कोरबा का रहने वाला है। 29 दिसम्बर 2018 को शाम सात बजे ट्रक लेकर चालक आशिक अंसारी कोनी थाना क्षेत्र के गतौरी से कोयला लेकर भाठापारा अल्ट्राटेक प्लान्ट के लिए निकला। ट्रक में जीपीएस सिस्टम भी लगा था। इसलिए छानबीन के दौरान मालिक के माध्यम से सरगांव पुलिस को जानकारी मिली कि ट्रक सात बजे डीजल भरवाने के लिए रूका। सकरी बाईपास से होते हुए ट्रक वाक्समैन एजेंसी के पास ढाबा में रूका। एक घंटे बाद ट्रक 9 बजे ढाबा से निकला। फिर बिल्हा के पास स्थित टोल प्लाजा के आगे आधे घंटे के लिए ट्रेलर रूका। फिर सरगांव स्थित अमित ओबेराय के डिपो के पास 10 मिनट के लिए मेन मेन गाड़ी रूकी। फिर आगे चली गयी।

                  पुलिस को जीपीएस से जानकारी मिली कि ट्रेलर नारायणपुर भाठापारा मोड़ के पहुंचा। एक घंटे बाद यू टर्न लेकर ट्रक करीब 2 बजकर 45 मिनट पर सरगांव स्थित अमित ओबेराय के डिपो में में आया। घंटे भर बाद ट्रक नांदगांव स्थित टेमर में पाया गया। इसके पहले अमित ओबेराय के मुंशियों ने ट्रेलर का पूरा कोयला उतारा लिया था।

                         ट्रक मालिक ने जीपीएस के आधार पर गाड़ी खोज खबर की। दो दिन बाद टेमर में लावरिश हालत में गाड़ी को देखा गया। उसी दौरान मालिक के आदमियों ने केबिन के अन्दर झांक कर देखा तो हर तरफ खून के निशान मिले। तत्काल ड्रायवर को फोन किया गया। लेकिन बंद पाया गया। मामले की शिकायत तत्काल नांदघाट थाने में की गयी। ना नुकूल के बाद 102 में अपराध दर्ज किया गया। तब कहीं जाकर गाड़ी को बरामद किया गया।

आई जी थाना को शिकायत

                                         ट्रक मालिक ने घटना की शिकायत आईजी प्रदीप गुप्ता और कोनी थाने से की। इसके बाद पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेना शुरू किया।  6 जनरवरी को पुलिस जांच पड़ताल के दौरान ड्रायवर की मोबाइल रीवा में होना ट्रैस किया गया। ड्रायवर की मोबाइल में किसी दूसरे सिम इस्तेमाल किया जा रहा था। आरोपी को रीवा में सात जनवरी को  गिरफ्तार किया गया।  चार- पांच दिन बाद 13 जनवरी को जीपीएस के आधार पर पूछताछ पर आरोपी टूट गया। आरोपी सुनील सोनी ने बताया कि वह सरगांव डिपो संचालक अमित ओबेराय के यहां काम करता है। कोयला भी उसी के डिपो में डंप किया है। सोची समझी रणनीति के तहत ड्रायवर के कहने पर सिर पर हल्का वार किया। लेकिन चोट अधिक लगने से उसकी मौत हो गयी। इसके बाद हम चार लोगों ने उसकी लाश को सरगांव थाने के किरना गांव में फेंक दिया। ट्रेलर को नांदगांव के टेमरी में छोड़ दिया।

हत्या में कोयला डिपों के तीन मुंशी शामिल

      मुंगेली सरगांव पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए चार में से तीन आरोपी कोयला डिपो के मुंशी हैं। चौथा आरोपी अभी भी फरार है। जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा। विवेचना के बाद डिपो मालिक और संचालक से भी पूछताछ होगी। कोयला चोरी का आरोप दर्ज किया जाएगा। पता लगाया जाएगा कि हत्या में संचालक की क्या भूमिका है। ट्रेलर का कोयला कहां बेंचा गया। कोयला खरीदने वाले के खिलाफ भी जांच होगी। हत्या में संलिप्त किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा।

सरगांव पुलिस ने बताया नाम..लेकिन भूमिका संदिग्ध

              सरगांव थाना प्रभारी ने बताया कि चौथे आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नांदघांट से 102 के मामले को सरगांव में शिफ्ट किया गया है। पकड़े गए तीनों आरोपी डिपो में मुंशी का काम करते हैं। आरोपियों के नाम धीरज पटेल निवासी रीवा, इन्द्रजीत मिश्रा निवासी रीवा और कौशलेन्द्र जाधव निवासी भिण्ड है। चौथा आरोपी जिसने ट्रेलर को चलाकर नांदघाट ले गया । उसका नाम और पता ठिकाना अभी तक नहीं है। लेकिन जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। बहरहाल चारो आरोपियों के खिलाफ 302,201,120 बी,397 का जुर्म दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में कोयला माल खपाने वाले गिरोह का हाथ है। जांच पड़ताल के बाद डिपो संचालक और मालिक से पूछताछ होगी। कोई नहीं बचेगा।

मुंगेली पुलिस की लापरवाही उजागर

                         मालूम हो कि सरगांव डिपो संचालक और संचालन की भूमिका को लेकर कई बार लिखा पढ़ा गया। बावजूद इसके मुगेली पुलिस ने गंभूीरता नहीं दिखाई। यदि समय रहते डिपो पर लगाम कसा जाता तो शायद मृतक ड्रायवर अंसारी को मौत से बचाया जा सकता था। बावजूद इसके मुंगेली पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। बताते चलें कि कुछ दिनों पहले ही कोयला माफिया ने रतनपुर और हिर्री थाना क्षेत्र में मारपीट की थी। लेकिन मुंगेली पुलिस की कान में जूं तक नहीं रेंगा।इससे जाहिर होता है कि मुंगेली पुलिस की भूमिका ना केवल संदिग्ध है। बल्कि घटनाक्रम के लिए दोषी भी है। ऐसा लगता है कि डिपो संचालक को अब भी पुलिस बचाने का प्रयास कर रही है।

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