EVM को लेकर बिहार के CM नीतीश कुमार ने दिया ये बड़ा बयान

Shri Mi
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Bihar, Nitish Kumar, N Chandrababu Naidu, Special Status,रायपुर।EVM को लेकर जारी रार के बीच बिहार के CM नीतीश कुमार ने इसे पूरी तरह सुरक्षित बताया है. नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि EVM पूरी तरह से ठीक है और जब हर बूथ पर VVPAT (वोटर-वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) होगा, तब कोई समस्या नहीं होगी. मैं उन चीजों से सहमत नहीं हूं जो ईवीएम से संबंधित बताई जा रही हैं. ईवीएम ने लोगों के मतदान के अधिकार को मजबूत किया है।

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बता दें कुछ दिन पहले SKYPE के जरिये लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शख्स ने दावा किया था कि 2014 में वह भारत से पलायन कर गया था, क्योंकि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने की घटना के बाद वह डरा हुआ था. शख्स की पहचान सैयद शुजा के तौर पर हुई है. उसने दावा किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में बीजेपी की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके.

शुजा ने बताया कि बीजेपी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चुनाव जीत जाती अगर उनकी टीम इन तीनों राज्यों में ट्रांसमिशन हैक करने की बीजेपी की कोशिश में दखल नहीं दिया होता. यह विस्फोटक और धमाकेदार खुलासा बड़े खुफिया अंदाज में किया गया, हालांकि इसकी तत्काल पुष्टि नहीं की जा सकी.

उन्होंने दावा किया कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) की टीम का हिस्सा थे जिसने ईवीएम मशीन का डिजाइन तैयार किया था. वह भारतीय पत्रकार संघ (यूरोप) की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुए थे. हालांकि वह स्काईप के जरिये पर्दे पर ही नजर आये और उनके चेहरे पर नकाब था.

इससे पहले पूर्व चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने ईवीएम (ईलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) हैकिंग किए जाने के दावों के बीच मंगलवार को कहा कि ईवीएम एक बहुत अच्छी और श्रेष्ठ मशीन है और चुनावों में बैलट पेपर के प्रयोग पर लौटने की बात पर आगाह किया है. सोमवार को लंदन में ईवीएम हैकाथन को लेकर उन्होंने कहा, ‘मेरा पूरा विश्वास है कि ईवीएम बहुत अच्छी मशीन है. हमें बैलट पेपर पर कभी वापस नहीं जाना चाहिए.’

चावला ने कहा, ‘ईवीएम के बारे में मेरी राय बिल्कुल स्पष्ट है. चुनाव आयोग के ईवीएम का निर्माण दो सरकारी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा काफी रहस्यमयी स्थितियों में किया जाता है. ये मशीनें सन 2000 में बनाई गईं थी और 2006 से लगातार इस्तेमाल हो रही हैं.’उन्होंने कहा, ‘2009 आम सभा चुनावों के दौरान मैं संचालन कर्ता था. हमने 100 मशीनों और कैमरे को इंस्टॉल करवाया. ईवीएम हैक करने के लिए लोगों को खुला आमंत्रण दिया गया था, हैकाथन के लिए लोग बुलाए गए थे लेकिन कोई भी यह नहीं कर सका था.’

चुनावों में बैलेट पेपर पर वापस जाने की बातों पर उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी किताब में बहुत पहले इसके बारे में लिखा था कि बूथ कैपचरिंग एक बहुत बड़ी समस्या थी. साथ ही कभी-कभी स्टांप सही तरीके से नहीं दिखते थे जिसके कारण वोट अवैध हो जाता था. ईवीएम ने प्रक्रिया को काफी साफ-सुथरा कर दिया है.’

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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