संतान पालन अवकाश की स्वीकृति का अधिकार राज्य शासन को देना अव्यवहारिक,छग पंननि शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री-मुख्य सचिव से की ये मांग

Shri Mi
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ पंचायत न नि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मांग करते हुए कहा कि 04 अक्टूबर 2018 को राज्य शासन द्वारा महिला शासकीय कर्मचारियों को 18 वर्ष उम्र तक के 02 बच्चों के जीवित सन्तानो के पालन पोषण हेतु सम्पूर्ण सेवा काल मे 730 दिन का संतान पालन अवकाश स्वीकृत करने का आदेश जारी किया गया है, तथा सक्षम प्राधिकारी को ही है स्वीकृत करने का अधिकार दिया गया है।परन्तु राज्य शासन द्वारा वीडियो कांफ्रेस में दिए निर्देश का हवाला देते हुए बिलासपुर, रायगढ़ सहित अन्य जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा संतान पालन अवकाश का सभी स्तर का आवेदन को राज्य शासन को भेजे जाने का आदेश जारी किया गया है।  सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

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जब अन्य अवकाश जैसे मातृत्व अवकाश, भौषेजिक अवकाश, अर्जित अवकाश, आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति का अधिकार सम्बंधित प्राचार्य / बी ई ओ / सीईओ/ व जिला शिक्षा अधिकारी को है तो संतान पालन अवकाश को स्वीकृति के लिए राज्य शासन को भेजा जाना सर्वथा अनुचित है।

प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि केंद्र शासन द्वारा संतान पालन अवकाश नियम लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश भर में यह अवकाश नियम लागू किया है,जिसके तहत कई जिले के कर्मचारियो व शिक्षकों द्वारा अवकाश लिया गया है।ऐसे में संतान पालन अवकाश की स्वीकृति शासन से लेने के मौखिक निर्देश अव्यवहारिक तो है ही,,साथ ही महिला कर्मचारियो के अधिकार की कटौती है,,जो पूर्णतः निंदनीय है।

प्रदेश में महिला कर्मचारियो को सुविधा व सेवा में लाभ देने के कई नियम है, किन्तु संतान पालन अवकाश की शासन से स्वीकृति के नियम महिला कर्मचारियो को हतोत्साहित करने वाला है।संतान पालन अवकाश को महिला कर्मचारियो व महिला शिक्षकों के लिए एक साजिश के तहत रोका जा रहा है, जिसका संघ द्वारा पुरजोर विरोध किया जाएगा।

संघ ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मांग किया है कि संतान पालन अवकाश का अधिकार छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार ही सक्षम प्राधिकारी को ही प्रदत्त किया जावे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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