अमर अग्रवाल बोले – गुंडागर्दी रोकने की कीमत मैंने अदा की….. लेकिन मैंने उनको मुंह नहीं लगाया

Chief Editor
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बिलासपुर । रविवार को आयोजित विचारमंच की गोष्ठी में शहर के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने अंतरंग बातचीत की । उन्होने कहा कि बिलासपुर में साति व्यवस्था कायम रखना हमेशा उनकेी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रहा है। जब भी गुंडागर्दी की कोशिश हुई , उसे शुरूआत में ही कुचल दिया गया ।  उन्होने यह भी कहा कि  गुंडागर्दी रोकने की कीमत मैंने अदा की लेकिन मैंने उनको मुंह नहीं लगाया और न ही उनको बढ़ने नहीं दिया।अमर अग्रवाल ने कहा कि किसी भी शहर के विकास के लिए कम से कम ५० वर्ष का विजन होना चाहिए। नया राज्य बनने के बाद चुनौती बढ़ गयी. सबसे बड़ी समस्या शहर के अंदर ट्रेफिक की थी. सड़कें चौड़ी करना ज़रूरी था इसलिए सबसे पहले तालापारा की सड़क चौड़ी करने के लिए बेजा कब्जा हटवाया गया। लोग मुझसे बहुत नाराज़ थे, मैं उनके गुस्से का सामना नहीं कर सकता था इसलिए दो साल तक उधर गया नहीं लेकिन जब सड़क चौड़ी बन गयी, वहां की प्रापर्टी की कीमत कई गुना हो गयी तब उनकी नाराजगी काम हुई और वहां का आवागमन सरल हो गया. इसी प्रकार कई सड़कों को चौड़ा किया गया और आवागमन की भीड़ को डायवर्ट किया गया. सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

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श्रीकांत वर्मा मार्ग अधूरा था, पूरा किया। नए विश्वविद्यालय खुलवाए। बिजली की व्यवस्था को सुचारु करने के लिए कई ट्रांसफार्मर लगवाए, पानी टंकियां बनवाई। बस स्टेण्ड शिफ्ट हुआ, ट्रांसपोर्ट नगर बना, शहर की डेयरी शिफ्ट हुई. बहतराई में स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स और प्रगति मैदान बना.

उन्होंने कहा कि हर समय मैंने यह कोशिश की कि सब समाज के लोग मिलजुलकर रहें, मैंने कभी भेदभाव नहीं किया। विभिन्न समाजों के १०० भवन बनाने में योगदान किया। मैंने शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने की लगातार कोशिश की. मेरे कार्यकाल में दो बार शांति भंग करने की कोशिश हुई, उन्हें बलपूर्वक दबाया गया. गुंडागर्दी और बलप्रयोग करने वालों को शुरुआती स्तर पर ही कुचल दिया गया ताकि शहर में किसी व्यक्ति विशेष का आतंक न हो, लोग निर्भय होकर रहें. जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा यह कर्तव्य कि लोगों की जान-माल की हिफाज़त हो. गुंडागर्दी रोकने की कीमत मैंने अदा की लेकिन मैंने उनको मुंह नहीं लगाया और न ही उनको बढ़ने नहीं दिया।
अमर अग्रवाल ने कहा कि मैंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम किया। मेरा सपना था कि शहर की आर्थिक प्रगति हो, औद्योगीकरण हो ताकि लोगों को रोजगार मिले। स्मार्ट सिटी बनाने और स्वच्छता के लिए सफल प्रयास हुए, हम कई शहरों के मुकाबले बेहतर हैं.
जगदीश दुआ के सवाल पर उन्होंने कहा, जो लोग भूमिगत नाली की असफलता की बात करते हैं, उनकी टेक्निकल जानकारी कम है. मेरा दावा है भूमिगत नाली परियोजना सफल और नगरवासियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी, उसे पूरा होने दीजिए।
 अमर अग्रवाल ने बताया कि जब सिम्स में पोस्ट ग्रेजुएशन शुरू होगा तब इसे यहाँ से शिफ्ट करके नया मेडिकल कालेज बनवाना होगा। नियम के अनुसार न्यूनतम २५ एकड़ भूमि की ज़रुरत होगी। उस भावी जरूरत के लिए मैंने ३५ एकड़ जमीन को आबंटन करके सुरक्षित करवा दिया है जिसके लिए मुझे छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को बहुत समझाना बुझाना पड़ा क्योंकि जमीन उनके विभाग की थी.
 ललित अग्रवाल के प्रश्न पर उन्होंने बताया कि सिटी कोतवाली को मल्टी-लेवल पार्किंग बनाकर उसे वर्तमान के पशु चिकित्सालय में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चालू है.
 अमर अग्रवाल ने आश्वस्त किया कि वे वर्तमान मुख्यमंत्री से लगातार संपर्क बनाए रखेंगे और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर नगर के विकास के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।
लखीराम सभाभवन का उपयोग साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए सस्ते किराए पर उपलब्ध कराने का उन्होंने आश्वासन दिया।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि वे लोकसभा की टिकट के लिए प्रयास नहीं करेंगे लेकिन यदि पार्टी का आदेश होगा तो मानना पड़ेगा।
डेढ़ घंटे तक चले इस कार्यक्रम में नागरिको और पत्रकारों की सक्रिय हिस्सेदारी रही ।।
विचार मंच के संयोजक द्वारिका प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि विचारमंच की इस श्रृंखला में अगले कार्यक्रम के लिए नवनिर्वाचित विधायक शैलेश पांडेय को आमंत्रित किया गया है.
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