नई दिल्ली-केंद्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है. अर्जी में सरकार ने अयोध्या में जमीन का कुछ राम जन्मभूमि न्यास को देने की बात कही है. सरकार का कहना है कि 67 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. जमीन का विवाद सिर्फ 2.77 एक़ड़ का है, बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है. इसलिए उस पर यथास्थित बरकरार रखने की जरूरत नहीं है. सरकार चाहती है कि जमीन का कुछ हिस्सा राम जन्भूमि न्यास को दिया जाए और सुप्रीम इसकी इज़ाजत दे. 10.30 बजे केंद्र सरकार इस अर्ज़ी को लेकर चीफ जस्टिस की कोर्ट में मेंशनिंग कर सकती है.
इस बारे में ट्वीट करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में कहा- केंद्र सरकार राम जन्मभूमि के 67 एकड़ के गैर विवादित हिस्से को रिलीज करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट गई है, ताकि वहां जल्द से जल्द निर्माण शुरू हो सके. एक दिन पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मेरी हुई बैठक में इस बारे में मैंने अपनी राय रखी थी. सरकार चाहती है कि निर्माण से पहले सुप्रीम कोर्ट की आज्ञा लेनी चाहिए.
केंद्र सरकार द्वारा अयोध्या विवादित जमीन मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई नई अर्जी को यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक अच्छी पहल बताते हुए कहा है कि अगर इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट विवादित जमीन से अलग अधिग्रहित की गई जमीन से स्टे वापस ले लेता है तो वहां बहुत जल्द भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा.