बिलासपुर— प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने केन्द्रीय सरकार के बजट को चुनावी बजट बताया है। अटल ने कहा बजट देखने और सुनने से स्पष्ट हो चुका है कि सरकार के पास कोई ठोस रणनीति का अभाव है। ऐसा लगता है कि सरकार को अहसास हो चुका है कि अब जुमलों से दाल नहीं गलने वाली है। इसलिए किसानों को कर्ज देकर साधने का प्रयास किया गया है। महिलाओं को ठगा गया है। अंतिम बजट में दिख रहा है कि मोदी सरकार पोस्ट डेटेड चेक थमाकर चुनाव की वैतरणी पार करना चाह रही है।
अटल श्रीवास्तव ने बजट में अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बजट से स्प्ष्ट हो गया है कि सरकार में बैठे लोगों के पास दृष्टि और दृष्टिकोण दोनों का ही अभाव है। युवाओं को रोजगार देने की दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया। भारत का युवा पिछले चार साल की तरह इस बजट में भी ठगा गया है। किसान मध्यमवर्गी परिवार महिलाओं की उम्मीद टूटी है। किसानों और महिलाओं को भरोसा था कि सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी लेकिन उन्हें निराशा ही हाँथ लगी। पांच एकड़ के किसानो को पांच हजार रूपए सालाना दिए जाने की बात बजट में कही गयी है। निश्चित रूप से यह ऊंट के मुंंह में जीरा जैसे है। पांच लाख रूपए इन्कम टैक्स की छूट बहुत पहले घोषित हो जानी थी। यहां भी पूंजीपतियों को पाला पोसा जा रहा है। महंगाई पर बात नहीं की गयी। पेट्रोल की कीमतों पर विचार तक नहीं किया गया। जिसका सीधा असर वस्तुओं की महंगाई पर पड़ता है। बजट में हवा हवाई बातें ज्यादा धरातल की बातें कम हैं।जो है भी तो स्प्षट नहीं है।
मोदी सरकार का दोहरा चरित्र
प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय और विभोर सिंह ने कहा कि बजट में सरकार का दोहरा चरित्र दिखाई दे रहा हैं। जनता दोहरो चरित्र देखकर ना केवल परेशान है। बल्कि उसे बहुत हैरानी भी हो रही है। मोदी सरकार ने चार साल अडानी अम्बानी और उद्योगपतियों के लिए बजट बनाया। तीन राज्यों में सीधी हार लगातार उप चुनाव में नाकामी के बाद 2019 में हार का डर बजट में दिख रहा है। शूट बूट की सरकार ने चुनाव हारने की डर से मजदूरों को पेंशन, किसानों को सम्मान राशि और माध्यमवर्गी परिवारों को पांच लाख तक टैक्स में छूट देने की बात की है। अभय और विभोर ने कहा कि बजट में दो रंग की झंडे वाली पार्टी का दोहरा चरित्र देखने को मिला है। गरीबों को आरक्षण में आठ लाख तक की सीमा और इनकम टैक्स में पांच लाख तक की छूट अगर आठ लाख तक के सीमा वाले गरीब हैं तो इनकम टैक्स में पांच लाख तक की छूट क्यों । इसे भी बढ़ा कर आठ लाख किया जा सकता था।
कांग्रेस नेताओं ने कहा जुमला बजट
कांग्रेस नेता महेश दुबे राम शरण यादव, विजय केशरवानी, नरेंद्र बोलर, तैय्यब हुसैन, ऋषि पाण्डेय, अनिल चौहान,मो.जस्साज,भास्कर यादव,ने कहा कि बजट निराशा जनक है। वित्त मंत्री और प्रधान मंत्री स्वयम् अपनी पीठ थप.थपा रहे थे। उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, जन धन खाते पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। भष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी योजनाओं के नाम पर पीठ थप.थापाई जा रही थी। वित्त मंत्री और प्रधान मंत्री को छत्तीसगढ की भूपेश सरकार से सीख लेनी चाहिए । वादे कैसे पूरे किये जाते हैंष। पन्द्रह लाख रपए खाते में भेजने और काला धन का जुमला देने वालों ने अंतरिम बजट में भी कई जुमले पेश किये। जनता में गहरी नाराजगी है।