सिम्स आगजनीः 4 नवजात को मिली जिन्दगी..डॉ.तिवारी ने बताया.. सभी बच्चों में थी जन्मजात संक्रमण की शिकायत

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–सिम्स आगजनी घटना के बाद महादेव हास्पीटल में भर्ती 7 नवजात शिशुओं में से चार को बचा लिया गया है। हास्पिटल प्रबंधन ने प्रेस वार्ता कर बताया कि चार बच्चों को शुक्रवार छुट्टी दी गयी है। चारो बच्चे स्वस्थ्य हैं। तीन बच्चों का इलाज अभी भी चल रहा है। उम्मीद है कि दो एक दिन के अन्दर तीनों बच्चे अपने माता पिता के साथ स्वस्थ्य होकर घर लौटेंगे। डॉ.आशुतोष तिवारी ने बताया कि नवजात बच्चों में सेप्टिसीमिया और एक्सपेसिया की शिकायत थी। बच्चों में संक्रमण के जन्मजात लक्षण पाए गए थे।

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                मालूम हो कि करीब दो सप्ताह पहले सिम्स में आगजनी के बाद एनआईयूसी में भर्ती 22 बच्चों को सुरक्षा की लिहाज से अलग अलग अस्पतालों में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया। आठ बच्चों को महादेव अस्पताल में भर्ती किया गया। करीब पांच दिन बाद एक बच्चे की मेनिन्जाइटिस से मौत हो गयी। अस्पताल प्रबंधन के प्रमुख डाॅ आशुतोष तिवारी ने बताया कि खुशी की बात है कि चार नवजात बच्चों को बचा लिया गया है। चारों नवजात बच्चों को आज ही छुट्टी दी गयी है।

                           डॉ.आशुतोष ने बताया कि सभी बच्चों में कमोबेश जन्मजात संक्रमण की शिकायत थी। जन्म के बाद सभी नवजात बच्चों में सेप्टिसीमिया और एक्सपेसिया का इलाज चल रहा था। आगजनी की घटना के बाद 8 बच्चों को महादेव अस्पताल में भर्ती किया गया। घटना के दुसरे दिन एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गयी। मरने वाले बच्चे की स्थिति भर्ती के समय बहुत गंभीर थी। उसके नहीं बचने का हमें दुख है।

                            डॉ.तिवारी ने बताया कि सभी सात बच्चों को चाईल्ड स्पेस्लिस्ट डाॅक्टरों की निगरानी में इलाज किया गया। चार नवजात बच्चों के पूर्ण स्वस्थ होने के बाद शुक्रवार को छुट्टी दे दी गयी है। जबकि तीन बच्चों का अभी भी इलाज चल रहा है। उम्मीद है उन्हें भी ठीक ठाक कर तीन चार दिन के अन्दर रीलिव कर दिया जाएगा।

                     डॉ.तिवारी ने कहा कि शुक्रवार को जिन नवजात बच्चों को छुट्टी दी गयी है उनमें प्रमुख रूप से बेबी श्याम बाई, बेबी सुलोचना, बेबी शिवकुमारी और  लक्ष्मी का नाम है।तिवारी ने बताया कि सभी बच्चों का इलाज शासन के दिशा निर्देश में किया गया।

बिलासपुर में पहला पेन्क्रियाटिक आपरेशन

                          पत्रवार्ता में अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि महादेव में डॉ.अंशुमन की अगुवाई में जिले का पहला पेन्क्रियाटिक अापरेशन किया गया। मल्हार निवासी राजेश्वर श्रीवास का पेन्क्रियास एक घटना में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। दो तीन हड्डियां भी टूट गयी थी। आपरेशन के दौरान पेन्क्रियास का एक हिस्सा हमेशा की तरह हटा दिया गया। इसके अलावा स्प्लीन को भी शरीर से अलग कर दिया गया। डॉ.तिवारी ने जानकारी दी कि रामेश्वर पेन्ड्रा में पेशे से शिक्षक हैं।

                     दुर्घटना के बाद उन्हें दो तीन बाद 8 जनवरी को हमारे यहां लाया गया।  उस दौरान रामेश्वर की स्थिति बहुत ही नाजुक थी। हीमोग्लोबिन की मात्रा उम्मीद से कम थी। बीपी और शुगर की शिकायत थी। लेकिन डॉ.अंशुमन ने सफल आरपेशन कर रामेश्वर को बचा लिया। रामेश्वर को भी आज ही छुट्टी दी गयी है।

                     पेन्क्रियास का एक टुकड़ा हटाने के बाद रामेश्वर के स्वास्थ्य पर क्या असर होगा। सवाल के जवाब में डॉ.अंशुमन ने बताया कि बहुत अधिक नहीं..लेकिन उन्हें मलेलिया की दवा सप्ताह में एक बार जीवन भर लेना होगा। शुगर की शिकायत बनी रहेगी। उन्हें अपने प्रति हमेशा जवाबदेह रहना होगा।

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