रामानुजगंज (पृथ्वीलाल केशरी ) जिले के वाड्रफनगर चौकी में पदस्थ आरक्षक अनूप कुमार मिश्रा के निधन के 02 वर्ष बाद उसके 05 वर्षीय बेटे शौर्य को अनुकंपा नियुक्ति दी गई। यह हर किसी के लिए खुशी का पल था। मासूम शौर्य ने अपनी मां-बहन व अन्य परिजन के साथ बलरामपुर पुलिस लाइन में बाल आरक्षक के रूप में नौकरी ज्वाइन की। नन्हे शौर्य को नियुक्ति प्रदान करने के बाद पुलिस अधीक्षक टी.आर.कोशिमा ने उसे गले से लगा लिया। वहीं बेटे को पति की जगह नौकरी में देख मां रश्मि मिश्रा की आंखें भर आईं।
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के बारा तहसील अंतर्गत ग्राम कांकी निवासी अनूप कुमार मिश्रा पिता रमानिवास मिश्रा 29 वर्ष जिले के बसंतपुर थाने में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। ड्यूटी के दौरान बलरामपुर में अचानक वे बीमार पड़े। उन्हें रायपुर के वेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान 03 नवंबर 2016 को उन्होंने अंतिम सांस ली थी।
पुलिस विभाग द्वारा मृत आरक्षक की जगह उसके वारिस को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए परिजन से आवेदन मंगाया था। इस दौरान आरक्षक की पत्नी व बेटी ने शौर्य को नौकरी देने की सहमति जताई थी। उस समय शौर्य की उम्र करीब 3 साल ही थी। 01 फरवरी को शौर्य जब 05 वर्ष का हुआ तो उसे पिता की जगह बाल आरक्षक के रूप में नौकरी दी गई। शौर्य अपने परिजन के साथ बलरामपुर पुलिस लाइन में अनुकंपा नियुक्ति लेने पहुंचा था। जहां नन्हें शौर्य के नौकरी ज्वाइन करते ही पुलिस अधीक्षक टी.आर.कोशिमा ने उसे गले से लगा लिया। उन्होंने शौर्य को वाड्रफनगर चौकी में पदस्थापना दी हैं। यहां शौर्य के दादा रमानिवास मिश्रा वायरलेस ऑपरेटर के रूप में पदस्थ हैं।