सिम्स प्रबंधन का खतरनाक खेल…अपोलो से लेकर आओ बच्ची…शिफ्टिंग में गड़बड़ी तो खुद होगे जिम्मेदार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–रस्सी जल गयी लेकिन ऐंठन नहीं गयी। सामाजिक कार्यकर्ता और आप नेता प्रियंका शुक्ला मीडिया को बताया कि सिम्स में रिफर का खतरनाक खेल सामने आया है। फोन से बेबी सरिता के परिजनों पर दबाव बनाया गया कि सिम्स आगजनी के बाद अपोलो में शिफ्ट किए गए बच्ची को दुबारा सिम्स में भर्ती करो। शर्त यह भी रका कि शिफ्टिंग के दौरान बच्चे को कुछ हो जाता है तो इसके लिए सिम्स प्रबंधन जिम्मेदार नहीं होगा। प्रियंका शुक्ला ने कहा कि सिम्स से कोई अभिषेक नाम के व्यक्ति ने कहा कि ऐसा हमारे साहब चाहते हैं। सवाल यह है कि आखिर वह साहब कौन हैं जिसने खतरनाक शर्तों के साथ बिना जिम्मेदारी लिए मां बाप पर बच्चे को अपोलो से सिम्स में भर्ती कराने का दबाव बनाया है।

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                              बताते चलें कि आज से करीब दो सप्ताह पहले सिम्स में आगजनी के बाद एनआईयूसी में धुआं भर गया। 22 बच्चों को प्रशासन ने शहर के विभिन्न नर्सिंग हास्पिटल में आनन फानन में भर्ती कराया। इस दौरान कुछ बच्चों की मौत भी हो गयी। एक दर्जन बच्चे ठीक होकर घर भी लौट गए। चूंकि दो बच्चों की हालत बहुत नाजुक थी…उन्हें इलाज के लिए अपोलों अस्पताल में भर्ती कराया गया।

                आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रियंका शुक्ला ने कहा कि पिछले दो दिनों से अपोलो में भर्ती बेबी सरिता के परिजनों पर सिम्स प्रबंधन अनावश्यक दबाव डाल रहा है। प्रियंका ने कहा कि सिम्स प्रबंधन का किसी व्यक्ति ने अपोलो में भर्ती बेबी सरिता के परिजनों को कहा कि साहब चाहते हैं कि नवजात बच्ची को सिम्स में दुबारा शिफ्ट किया जाए। लेकिन शिफ्टिंग के दौरान नवजात बच्ची के साथ कुछ गड़बड़ होता है तो उसकी जिम्मेदारी सिम्स प्रबंधन को नहीं होकर परिजनों की होगी। यदि बच्ची को सिम्स में नही लाया गया तो अपोलो के इलाज का खर्चा परिजनों को देना होगा।

                                         प्रियंका ने बताया कि परिजनों ने मुझसे व्यक्तिगत तौर पर संपर्क किया। लगातार फोन करने के बाद किसी ने फोन नहीं उठाया। कुछ समय बाद किसी अभिषेक नाम के व्यक्ति ने फोन किया। चूंकि इस बीच हमने मामले को लेकर जगह-जगह लोगों से सम्पर्क कर रहे थे। इस बात की जानकारी सिम्स प्रबंधन को भी हो गयी। इस दौरान हमनेे जानने का प्रयास किया कि जब बच्ची की इलाज अपोलो में हो रहा है। बच्ची आज भी खतरे में है। बावजूद इसके सिम्स प्रबंधन बच्ची को सिम्स में भर्ती क्यों कराना चाहता है। जबकि इलाज की जिम्मेदारी भी शासन ने उठाया है। बावजूद इसके परिजनों को धमकी दी जा रही है कि इलाज का रूपया नहीं दिया जाएगा।

                                      प्रियंका ने जानकारी दी कि अभिषेक नामक व्यक्ति ने फोन पर कहा कि साहब का आदेश था इसलिए बच्ची को अपोलो से लाकर सिम्स में भर्ती करने को कहा गया था। फिलहाल आपसे साहब बात करना चाहते हैं। उसने यह भी कहा कि बच्ची को शिफ्ट नहीं किया जाएगा। प्रियंका ने यह भी कहा कि हम जानना चाहते हैं कि साहब कौन हैं। और परिजनों पर दबाव डालकर खतरनाक शर्तों के साथ सिम्स में भर्ती कराना क्यों चाहते हैं। उन्होने परिजनों से क्यों कहा कि अपोलो का खर्चा परिजनों को उठाना होगा। हम मामले की तह तक जाएंगे। जानने का प्रयास करेंगे आखिर रिफर का खेल क्यों खेला जा रहा है। इसके पीछे साहब की मंशा क्या है।

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