बिलासपुर— ट्रांसपोर्ट नगर के व्यापारियों ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपना आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि हमें नहीं चाहिए स्मार्ट सिटी। ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने कहा कि जिस नगर का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया हो आज उसकी हालत नरक जैसी है तो स्मार्ट सिटी के नाम पर हमारी स्थिति क्या होगी। व्पापारियों ने पत्रकारों से बताया कि विकास के नाम पर सरकार ने ट्रांसपोर्ट नगर को नरक नगर बना दिया है। चाहे नेता हो या अधिकारी सब के सब मिठ लबरे हैं। यदि हमें ट्रांसपोर्ट नगर के नरक से निजात नहीं मिली तो अंजाम बहुत बुरा होगा। उसका परिणाम चाहे जो कुछ भी हो हम भुगतने के लिए तैयार हैं।
पहले विकास भवन और बाद में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे टी.पी.नगर के व्यापारियों में जमकर आक्रोश देखने को मिला। व्यापारियों ने कहा कि माना कि हम व्यवसायी हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि हम प्रशासन से डरते हैं। डरकर हमने टी.पी.नगर में 10 साल गुजार लिया। यदि अब भी उनकी बातें नहीं सुनी गयी तों बिलासपुर बंद किया जाएगा। व्यापारियों ने कहा कि उन्हें भी राजनीति की समझ है फिर चाहे नेता आए या अधिकारी हम अपनी शक्ति का परिचय जरूर करवाएंगे।
आक्रोशित टीपी नगर के व्यवसायियों ने बताया कि जिला प्रशासन उसी की सुनती है जिसके हाथ में डंडा होता है। हम दंत नख विहीन हैं इसलिए हमारी कोई बात नहीं सुनी जाती। हम निगम से ठुकरा गए तो कलेक्टर के पास पहुंचे हैं। जब चाहे जैसा चाहे हमारे उपर नियम और कानून लाद दिया जाता है। सुविधा की मांग पर उन्हें आंख दिखाया जाता है। यदि हमारी समस्याओं को नहीं सुना गया तो हम भी नियमों को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
टी.पी.नगर के व्यवसायी और व्यापारी संघ के अध्यक्ष जगपाल सिंह ने बताया कि स्मार्ट सिटी सिर्फ चोंचले बाजी है। दलालों और ठेकेदारों को काम के बहाने रकम मिले, इसके अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि टी.पी.नगर में रोते गाते 10 साल में पानी टंकी बनी। नाली फाइल में धूल खा रही है। सड़कें आज तक निगम के बस्ते से बाहर निकली। आने जाने जाने के लिए जो थोड़ी बहुत निकासी थी उसे भी नर्क बना दिया गया है। सड़क पर मिट्टी और गिट्टी का प्राकृतिक पहाड़ बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस साल प्रदेश में सूखा है लेकिन टी.पी.नगर झील में परिवर्तित हो गया है। हम आखिर व्यवसाय करें तो कैसे।
मोटर पार्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश कुमार प्रीथवानी स्मार्ट सिटी के नाम पर काफी गरम नजर आए। उन्होंने कहा कि जिस शहर का नेता हमारी जरूरतों को पूरी नहीं कर सकता है उससे हम स्मार्ट सिटी की क्या उम्मीद करें। उन्होने बताया कि मास्टर प्लान तो ठीक से तैयार नहीं कर पाये चले हैं स्मार्ट सिटी बनाने। स्मार्ट सिटी योजना सिर्फ लूट पाट का जरिया है। पिछले दस साल से टी.पी.नगर की स्ट्रीट लाइट हमने रात में जलते नहीं देखा। बाद में मालूम हुआ कि खंभों में फ्यूज बल्ब और ट्यूब लाइट लगी हैं। चले हैं स्मार्ट सिटी बनाने।
बेहद आक्रोश में दिख रहे प्रीतपाल सिंह ने खुद को टीपी नगर व्यापारी संघ का सलाहकार बताया। सीजी वाल से उन्होने कहा कि निगम बताए क्या पिछले 10 साल में उन्होंने कचरा फैलाने के अलावा कभी सफाई का काम किया है। पानी के नाम पर 800 रूपए प्रत्येक व्यापारियों से लिया जाता है क्या कभी मोटर चला। प्रीतपाल ने बताया कि पूरे ट्रांसपोर्ट नगर में कहीं भी सार्वजनिक नल नहीं है। मोटर चलाने वाला कहता है कि जो करना है कर लो हम किसी से नहीं डरते। हमने प्रयास किया कि अपने खर्चे पर बोरिंग करवा लें तो निगम का कानूनी हथोड़ों आड़े आता है।
व्यावसायी व्यास नारायण का कहना है कि टी.पी.नगर का एक ट्रांसपोर्टिग पार्क भी है। आज तक हम नहीं समझ पाये कि उसका बिल हम क्यों देते हैं। उस स्थान को निगम ने अपना अघोषित डंपिग जोने गोदाम बनाया है। महीने में दो दिन पार्किंग लाइट जलती है शायद मिट्टी और गिट्टी की सुरक्षा के लिए निगम ने ऐसा कुछ किया हो।
विजय साजवानी ने सीजी वाल को बताया कि यदि आप हमारे दुकान आएंगे तो हम आपको पानी नहीं दे सकते। क्योंकि हम घर से दिन भर के लिए सिर्फ अपने लिए तीन चार बाटल पानी ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि महपौर से शिकायत की लेकिन बाद में समझ में आया कि हमने अपनी तकलीफ गलत जगह जाहिर की है। लेकिन अब बहुत हो गया । पहले मंत्री और प्रशासन टी.पी.नगर को दुरूस्त करे। तब हम मानेगें कि स्मार्ट सिटी का सपना साकार होगा। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना ने हमको अंदर तक डरा दिया है। पहले हम सिर्फ नरक की जिन्दगी टी.पी.नगर में भोगते थे शायद हमारा नसीब ही खराब है कि अब नरक का विस्तार बिलासपुर तक हो जाएगा। क्योंकि हमारा घर भी तो शहर में ही है।
व्यापारियों ने अंत में कलेक्टर प्रतिनिधि को धमकी मिश्रित लिखित पत्र देखर कहा कि यदि उन्हें और उनकी समस्याओं से निजात नहीं दिलाया गया तो हम भी उग्र आंदोलन का ही रास्ता अख्तियार करेंगे। इस मौके पर सैकड़ों व्यापारी थे। जो काफी आक्रोशित नजर आए। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता व्यापारियों को नियंत्तिर और समझाइश देते हुए नजर आए।