बिलासपुर।प्रदेश के शिक्षा कर्मीयो के लिए स्थानान्तरण का मुद्दा साधारण नही महत्वपूर्ण विषय है। हमारा संघ इस विषय को लेकर कई बार चर्चा कर चुका है। हमने खुली स्थानान्तरण की माँग शासन से संविलियन के पूर्व और बाद में भी की है और इसे नई सरकार के सामने भी इसे दोहराया भी है। cgwall.com को बताते हुए सँयुक्त शिक्षा कर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन ने बताया कि पूर्व के शिक्षक आंदोलन से सीख लेते हुए हमने रणनीति के तहत छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत व नगरिय निकाय मोर्चे के बैनर तले आंदोलन, मोर्चा का 2018 बहुत बड़ा आंदोलन था।आंदोलन में हमने खुली स्थानान्तरण नीति की माँग भी रखी थी।जिसे पूर्व की सरकार ने स्वीकार कर लिया था।यह मोर्चे के एक बड़ी उपलब्धि है।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
केदार जैन ने बताया कि हम राजपत्र के प्रकाशन होने का इंतजार कर रहे है। जिस पर सरकार को ज्ञापन दिया जा चुका है। और अधिकारियों से चर्चा भी हुई है।राजपत्र के प्रकाशन के बाद ये स्पस्ट होगा कि खुली स्थानान्तरण पर सरकार ने क्या रुख लिया है। ऊमीद है कि नए शिक्षण सत्र में सालो से अटकी हुई स्थानान्तरण नीति पर नई सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाएंगी।
केदार ने बताया कि पूर्व में भी पति पत्नी बेस व आपसी स्थानान्तरण हुए है। वो एक कठिन प्रक्रिया थी। शिक्षको के एक संवर्ग का एक विषय एक निकाय दोनो पंचायतो की सहमति आम शिक्षक के बस में नही थी। इस प्रक्रिया से जो गुजरे है उन्होंने मन और धन से बहुत सी तकलीफ झेली है। शिक्षाकर्मी पंचायत विभाग के कर्मी होने वजह से स्थानान्तरण में बहुत सी दिक्कते थी। फाइल जिला पंचायत और जनपद पंचायत में घूमते रहती थी।
उन्होंने कहा कि शिक्षाकर्मीयो का संविलियन शिक्षको के स्थानान्तरण का एक सबसे बड़ा मार्ग था। इस लिए हमने संविलियन की लड़ाई को महत्व दिया। यह संविलियन की लड़ाई रमन सरकार से अधूरी रह गई। इस लड़ाई में हमारे 48 हजार साथी भले ही छूट गए।
हमारी रणनीति में अब भी वही तेवर है। नई सरकार से निरंतर चर्चा जारी है और सकारात्मक संकेत भी मिले है।प्रदेश में शिक्षको के हित से जुड़े बहुत से मूददे व मांगे है। जिसे शिक्षको के हित के लिए हम सरकार से हमारा संघ पूरा करने के लिए कटिबद्ध है ।शिक्षा कर्मीयो के स्थानान्तरण पर हमारा संघ गंभीर है। रणनीति के तहत प्रयास किये जा रहे है। जल्द ही इसके परिणाम सामने होंगे।