बजटःअमर अग्रवाल ने पूछा-कहां से आएंगे रूपए,किसानों को दिया धोखा, आंकड़ों की हुई बाजीकारी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—भूपेश बघेल सरकार ने अपना पहला बजट 8 फरवरी को पेश किया। बजट के बाद भाजपा नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में बजट को जनता के छल बताया है। पूर्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में किसानों से किए वादों को पूरा नहीं किया है। दरअसल बजट लोकसभा को ध्यान में रखकर जनता को लुभाने के लिए तैयार किया गया है।
                 पूर्व वित्त और नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार की बजट को जनता के साथ के छलावा करारा दिया है। अमर अग्रवाल ने कहा कि किसानों को बजट में छला गया है। जनघोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा नही किया गया है। दरअसल बजट लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है। सरकार ने कर्ज माफी,धान बोनस समेत सब्सिडी और छूट का स्वांग रचा है। निश्चित तौर पर विकास के अन्य काम प्रभावित होंगे।
                                      बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अमर अग्रवाल ने कहा कि बजट में कल्पना का सहारा लिाय गया है। आमदनी बढ़ाने की बात कही गयी है। लेकिन अनुभव कहता है की आमदनी बढाने के लिए दीर्घकालीन योजनाओं की जरूरत होती है। नई  सरकार  ने कर्ज माफ़ी के लिए जो 10,000 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा है। 25,00 प्रति क्विंटल धान खरीदी का दर निर्धारित किया गया है। निश्चित तौर पर दूसरे विभागों को मिलने वाले बजट में कटौती होगी। रूटीन के कार्य प्रभावित होंगे| वर्तमान में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किसानों के बारे में सोचा गया है। बाद में सरकार अपने सारे वादों से पलटेगी| इन सारे प्रावधानों का परिणाम आने वाले तीन चार साल में छत्तीसगढ़ की जनता पर विपरीत प्रभाव डालेगा।
किसानों की आमदनी औसत से कम
                     अमर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों की आमदनी राष्ट्रीय औसत से कम है। इसके कारण कर्जा माफी और धान खरीदी रूपए 2500 करना तत्कालिक उपाय हो सकता है। लेकिन स्थायी समाधान नहीं है| इस बात पर विचार करना चाहिए की किसान कर्ज़दार ही क्यों होता है। समस्या का समाधान खोजा जाना चाहिए ।
                 अमर ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने आने वाले वर्ष 2019-20 में भी 2500 रु मूल्य पर धान खरीदी का जारी रखने का आश्वासन दिया है। अभी केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 1700 किया है। यानी 800 रुपए का बोनस और जब अगले साल केंद्र सरकार धान का समर्थन मूल्य बढ़ाएगी तब भी 2500 रुपए में धन खरीदी होगी। इसके बाद राज्य शासन का किया गया वादा 800रुपए का बोनस 150 से 200 रुपए कम हो जाएगा।
                अग्रवाल ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में कहा गया था बिजली बिल हाफ  करेंगे। फिर बिजली बिल हाफ करने की सीमा 400 यूनिट तक ही क्यों ? इससे किसको लाभ होगा? हेल्थ और एजुकेशन का समाज में महत्वपूर्ण स्थान होता है। हायर एजुकेशन से भावी पीढ़ी का निर्माण होगा। बजट में इन सब के  लिए कहीं कोई सोच नहीं दिखाई देती। स्वास्थ्य सेवाओं में तीन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए 50 करोड़ अपर्याप्त हैं।
                                    5 फूड पार्क के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। लेकिन क्रियान्वयन को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है।पहले से ही धमतरी में फ़ूड पार्क है। जो सफल बी नहीं है। मेरा मानना है की सरकार को पूर्व के अनुभव और सफल क्रियान्वयन के बारे में अध्ययन कर लेना चाहिए।
कहां से आएंगे रूपए
            कुल मिलाकर आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया गया है। बजट में छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति और उसके विकास के बारे में ध्यान नहीं दिया गया है | बजट केवल आंकड़ो में सजाया गया है। अगर बजट में आय बढ़ने की कोशिश नहीं की गई तो प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर के सारे काम रुक जाएंगे।  सवाल उठता है कि आखिर रूपए आाएंगे कहां से । क्योंकि बजट में किसी नए कर का प्रावधान नहीं होना सिर्क लोक लुभावन है। जीएसटी लागू होने के बाद नए कर की घोषणा करना राज्य शासन के अधिकार क्षेत्र में है ही नहीं। कुल मिलाकर श्रेय लेने की एक कोशिश मात्र है|
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