रमन केबिनेट की मेराथन मीटिंगः93 तहसील सूखाग्रस्त घोषित

Chief Editor
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रायपुर ।    मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंगलवार को  यहां मंत्रि-परिषद की बैठक में किसानों के व्यापक हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर ’रमन के गोठ’ में किया गया अपना वादा निभाया। उन्होंने बैठक में व्यापक विचार-विमर्श के बाद राज्य के 20 जिलों की 93 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भी भेजने के निर्णय के साथ-साथ इन तहसीलों में ग्रामीणों के लिए युद्धस्तर पर रोजगारमूलक कार्य खोलने का भी निर्णय लिया। इन तहसीलों में नजरी आकलन के आधार पर खरीफ की फसल 50 पैसे से कम होने का अंदेशा है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक यहां मंत्रालय में दोपहर 12 बजे शुरू हुई और बैठक साढ़े तीन घण्टे तक चलती रही। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में गत वर्ष की तुलना में केवल 83 प्रतिशत बारिश को देखते हुए पर्याप्त जल भराव वाले सभी बांधों में उपलब्ध पानी जल उपयोगिता समितियों की अनुशंसा के आधार पर सिंचाई के लिए देने का निर्णय लिया। प्रदेश के सबसे बड़े बांगो बांध से पानी पहले ही छोड़ा जा चुका है। आज केबिनेट की बैठक में गंगरेल बांध में 121 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की उपलब्धता को देखते हुए फसलों के लिए पानी छोड़ने का निर्णय लिया और निर्णय पर तुरंत अमल करते हुए अपरान्ह में ही गंगरेल बांध के गेट खोल दिए गए। इसके अलावा पेयजल के लिए भी पानी आरक्षित रखने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि कृषि विभाग, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, पंचायत और ग्रामीण विकास तथा जल संसाधन विभाग किसानों को राहत पहुंचाने के लिए नीति बनाकर ऐसी कार्य योजना तैयार करे, जिसके माध्यम से वर्तमान परिस्थितियों में अवर्षा के कारण फसल क्षति के प्रभाव को कम से कम किया जा सके। वहीं फिलहाल नुकसान के फलस्वरूप किसानों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें अधिक से अधिक राहत उपलब्ध कराई जाए।
आज की बैठक मुख्य रूप से किसानों के हितों पर ही केन्द्रित रही। मुख्यमंत्री ने मैराथन बैठक में राज्य में वर्तमान अवर्षा की स्थिति से पड़ने वाले दुष्प्रभाव और धान की फसल को नुकसान से बचाने के उपायों पर मंत्रियों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। डॉ. रमन सिंह ने बैठक में कहा कि हमारे किसान अल्प वर्षा और अवर्षा की वजह से परेशान हैं। उन्हें राहत पहुंचाने के सभी उपाय किए जाएंगे। मंत्रि-मंडल ने निर्णय लिया कि राज्य सरकार सूखे की स्थिति में किसानों के साथ खड़े रहने के अपने संकल्प पर कायम है। इसलिए राज्योत्सव इस बार नहीं मनाया जाएगा और केवल एक दिन का होगा, जिसमें अलंकरण समारोह आयोजित किया जाएगा।
मंत्रि-परिषद ने सबसे पहले सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि नजरी आनावारी के आधार पर 20 जिलों की 93 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया जाए और इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भी भेजा जाए। इन सभी तहसीलों की नजरी आनावारी 50 प्रतिशत से कम पायी गई है। इन तहसीलों में लगान और अन्य सरकारी व्यय की वसूली नहीं करने के संबंध में भी निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा अन्य तहसीलों को भी आवश्यकता अनुसार सूखा ग्रस्त घोषित करने का निर्णय समय-समय पर लिया जाएगा।

कृषि और जल संसाधन मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की आज की बैठक में लिए गए विभिन्न फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज केबिनेट की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि धान की फसल को बचाने के लिए सभी किसानों को नदी-नालों में बह रहे पानी का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए, किसान नदी-नाले को बांधकर डीजल पम्पों के माध्यम से भी सिंचाई करें और निस्तारी के लिए भी उपयोग करें। किसानों को डीजल पम्पों के लिए दो हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हजार से चार हजार रूपए तक डीजल पम्प पर सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया गया।

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