मस्तूरी व्यापारियों में पुलिस के प्रति आक्रोश…संघ अध्यक्ष ने बताया….करेंगे IG और एसपी से शिकायत

BHASKAR MISHRA
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  बिलाासपुर/ मस्तूरी— मस्तूरी में पुलिस रात्रि गश्त को लेकर लोगो में अब विश्वास खत्म होता जा रहा है। पहले तो रात्रि गश्त का दावा करने वाली पुलिस की बातों से लोगों का विश्वास उठ गया है। ऊपर से चोरी की रिपोर्ट नहीं लिखे जाने से आमजन में बहुत ज्यादा नाराजगी है।
                जानकारी के अनुसार दो दिन पहले शिव ट्रेडर्स में अज्ञात चोरों ने सामान और रूपयों पर हाथ साफ किया। जबकि दुकान मुख्य सड़क मार्ग पर थाने से चंद कदम दूर है। इससे जाहिर होता है कि चोरों को पुलिस का खौफ भी नहीं है। दुकान संचालक महेश गुप्ता ने बताया कि चोरी की घटना के बाद दो दिन मस्तूरी थाना गया। थानेदार के निर्देश पर चोरी की लिखित शिकायत की। उन्होने पावती थमा दिया। इसके बाद इतना भी मुनासिब नहीं समझा की घटना स्थल की जांच कर सकें।दो दिन बीतने के बाद भी पुलिस का रवैया में कोई बदलाव नहीं आया है।
                 दुकान संचालक के अनुसार पुलिस को समय ही कहा है। जो हमारी दुकान को देखने और पीड़ा को समझने की कोशिश कर सकें। क्योंकि यहां तो आए दिन चोरी की शिकायत होती है। मजाल है कि आज तक किसी चोरी की वारदात का मस्तूरी पुलिस ने खुलासा किया हो। हमारे साथ भी यही होगा। जबकि पुलिस का दावा है कि रात को टीम गश्त करती है। यह अलग बात है कि हमने गश्त टीम को कभी नहीं देखा। यदि देखा भी है तो चोरी की घटना को आज तक रोका नहीं जा सका है।
                    मस्तूरी व्यापारी संघ के अध्यक्ष निर्णेजक ने बताया कि पहले तो व्यापारी ने चोरी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए दो दिनों तक थाने का चक्कर काटा। बाद में रिपोर्ट तो लिख लिया गया लेकिन कोई पुलिस वाला दुकान पहुंचकर मुआयना नहीं किया। थाने में उन्ही की सुनी जाती है जो दान दक्षिणा देते हैं। जिसने नहीं दिया उसकी हालत पीड़ित दुकानदार महेश गुप्ता जैसी हो जाती है। चोरी की वारदात बुधवार की रात का है। लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया।
          व्यापारी संघ अध्यक्ष के अनुसार जब पुलिस वाले घटना या चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं करते तो सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ता है। इसके बाद पुलिस वाले सक्रिय होते हैं। रिपोर्ट लिखने के बाद हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहते हैं। चोर मिल जाए तो ठीक नही तो सारी व्यवस्था राम भरोसे है। निर्णजक ने बताया कि यदि मुखबिर से सूचना मिलती है तो थाने के लोग छापामार कार्रवाई करते हैं। ऐसा अक्सर शराब या गांजा पकड़ते समय होता है। लगता है कि अब  मुखबिर भी सो गया है। यही कारण है कि घटना पर लगाम नहीं है। आरोपी भी मदमस्त हो कर घूम रहे हैं। अब तो लोगों को पक्का विश्वास हो गया है कि अपराधियों और पुलिस में जबरदस्त तालमेल है। व्यापारी संघ ने फैसला किया है कि इसकी शिकायत पुलिस कप्तान और आईजी से करेंगे। शायद तब कही जाकर मस्तूरी पुलिस की आंख खुले। रात्रि गश्त करती टीम भी दिखाई दे जाए।
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