रायपुर-छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज प्रदेश के 146 ब्लाक में जम्मु काशमीर के पुलनामा में शहीद हुए CRPF के जवानों को श्रद्धांजलि दिये।ज्ञात हो कि विगत दिवस पुलवामा जिले में एक फियादीन हमला में हमारे देश के पैरामिलिट्री फोर्स के लगभग 42 जवान शहीद हुए थे इससे सारा देश आक्रोशित और शोकाकुल है पूरे देश भर में सामाजिक,राजनीतिक, संस्थाओं के साथ-साथ सरकारी कर्मचारी अधिकारी भी उन अमर जवानो को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे है ऐसे समय में छग प्रदेश में सबसे बड़ी शासकीय कर्मचारी संगठन फेडरेशन ने भी पूरे प्रदेश में ब्लाक स्तर पर श्रद्धांजलि दिया।cgwall.com के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
फेडरेशन के मीडिया सेल के मुखिया व प्रांतीय संयोजक शिव सारथी ने बताया कि हमारा संगठन अपने कर्मचारियों के हित के साथ समाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर भी काम करता है तथा अपने देश और प्रदेश के प्रति भी संवेदनशील है और यही कारण है कि आज शोकाकुल राष्ट्र के साथ छग प्रदेश का सहायक शिक्षक जिनकी संख्या एक लाख से भी ज्यादा है अपने परिवार के साथ शहीद परिवारों के साथ खड़ा है और उनके दुःख में भागीदार है।
शिव सारथी ने आगे कहा कि आज जिस प्रकार हमारे संगठन के प्रांतीय नेतृतन्वकर्ता मनीष मिश्रा, जाकेश साहू,रंजीत बनर्जी,सीडी भट्ट,अश्वनी कुर्रे, अजय गुप्ता, छोटे लाल साहू,सुखनन्दन यादव, हुलेश चन्द्राकर, संकीर्तन नन्द के साथ ही साथ जिला,ब्लाक के अध्यक्षों संयोजको ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अपने हक अधिकार की लड़ाई और सँघर्ष के साथ इस प्रकार से वृहद रूप में शोकसभा का आयोजन कर शहीदों के प्रति आस्था प्रगट किया है वह काबिले तारीफ है और शिक्षको के समान ही सभी संगठन को इस तरह के आयोजन कर राष्ट्रीय एकता परिचय देने की अपील फेडरेशन ने किया है।
फेडरेशन की ओर से विज्ञप्ति जारी करते हुए शिव सारथी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग किया है कि उन अमर शहीद जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यह होगा कि आर्मी के जवानों की ही भाँति पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को भी शहादत के बाद शहीद का दर्जा देकर उनके परिजनों को पुराना पेंशन का लाभ दे ताकि जवानों के आश्रित घर के मुखिया के जाने के बाद भटकाव का जीवन जीने को मजबूर न होवे।आज के इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम को प्रान्तीय संयोजको के अलावा सभी सम्भाग,जिला, ब्लाक व संकुल अध्यक्षो और संयोजको का सराहनीय योगदान रहा।