निबंध लेखन में उत्कृष्ट बच्चों को मिला पुरस्कार,कुलपति डॉ सिंह ने कहा-ईश्वर आपके अंदर है

Shri Mi
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तखतपुर(टेकचंद कारड़ा)।संयुक्त राष्ट्र सूचना केन्द्र भारत एवं भूटान हार्टफुलनेस इंस्टिट्यूट एवं रामचंद्र मिशन के संयुक्त तत्वाधान में अखिल भारतीय निबंध लेखन आयोजन विभिन्न शिक्षण संस्थान में गत वर्ष किया गया था जिसका पुरुष्कार वितरण।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंडित सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर बंश गोपाल सिंह ने कहा कि ईश्वर आपके अन्दर है असली आध्यात्मिक गुरु वही है जो अंदर की यात्रा कराये ध्यान के अलग अलग रास्ते बताये गये है पर पहुंचना एक ही जगह है।cgwall.com के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

             
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कल्पना नही करना चाहिये कर के देखना चाहिये मन को शांत करने के तरीके है और यह योग की विधाओं मे है।सत्य बोलने से मन शांत रहता है।अस्तय को याद रखना पड़ता है जीवन मे सहज चीजों को अपनाये दुसरे के साथ अपना व्यवहार सहज रखे मन मे प्रेम और उदारता रखें ध्यान मे रहना और इन्द्रियो को नियंत्रित रखना जीवन के लिये जरुरी है।

उपवास से मन शिथिल रहता है ध्यान से मन शांत रहता है मचंस्थ अतिथ अजय जुनेजा,शैलेनद्र सिंह, बी बालाजी राखी ताम्रकार ने बिलासपुर जिले के विभिन्न स्कुलों के प्रतिभागी भाग लिये थे।

जिसमे चयनित प्रतियोगी राष्ट्रीय स्तर पर छठवां स्थान आयुषी जयसवाल ने प्राप्त किया।इसके अलावा राज्य स्तर पर पुरस्कार करने वाले छात्र एस भवानी सिखा बरगाह शिवानी बरगाह, याग्नि तिवारी संध्या धुर्व एवं प्रिंस जायसवाल,आयुष कारड़ा को पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम बिलासपुर आई एम ए हाल सी एम डी चौंक कालेज के बगल मे आयोजित भवन मे आयोजित हुआ।

संस्था के प्रशिक्षक प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि इसका वास्तविक उद्देश्य शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को आत्म चिंतन व चरित्र निर्माण के लिए प्रेरित करना है।

संस्था के आर्डिनेटर अनिल शर्मा ने बताया कि हार्टफुलनेस ध्यान के अभ्यास से हम अपने हृदय की आवाज से जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन ला सकते हैं हार्टफुलनेस विश्व के 160 देशो मे लोकप्रिय है। संस्था के प्रशिक्षक लक्ष्मण चितले ने 150 प्रतिभागी को ध्यान का अभ्यास कराया।

निबंध स्कुली स्तर पर ” एक विवेक दिमाग का होता है और एक दिल का” कॉलेज स्तर पर “सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाकू की तरह है जिसमे सिर्फ धार है जो प्रयोग करने वाले का हाथ रक्तमय कर सकता है” पर निबंध लिखना था।कार्यक्रम का संचालन आस्था दुबे,शिवांशा अग्रवाल, शलिनी सिंह,सुलक्षणा ताम्रकार ने किया।

ये छात्र छात्राये पुरुष्कृत हुये
आयुशी जायसवाल, एस भवानी, शीखा बरगाह,शीवानी बरगाह,यागनी तिवारी,संध्या ध्रुव,प्रिंस जायसवाल, शेख शरीख,धीरज यादव,दीपा केरकेटा ,मनोज चौहान,प्रिंसी दुबे आयुश कारड़ा, दीक्षा आडवानी, रेनुका‌ पैकरा, प्रतिक चक्रवर्ती, शीवांगी यादव सचिन तंबोली, अयशानी भटनागर, अभांषी तिवारी प्रणय शर्मा,सरिता साहू, दीपक‌ कोरी,भावना रायल, अनुष्का सोनी,श्रवण कुमार, हेमत चौधरी,खुसबु जयसवाल,
प्रगति शर्मा, अनुश्री पाण्डेय,अकित किशोर प्रियंका वर्मा,कनक कौशिक, आयुश परिदा,प्रज्ञा,भूमिका यु अंजली,प्रज्ञा श्रीवास्तव, भूमिका आथले,अपूर्वा अवस्थी,शालनी सिंह,उत्सव चंद्रा,अल्का निषाद सुमन यादव,कुंवर हर्ष सिंह, मुनमुन खरे,मनीषा धूरी, ललिता कैवर्त,हर्षिता गायकवाड़,वर्षा रानी मरावी, मोनिका कुर्रे,शिवांश अग्रवाल, स्वाती रत्नाकर,किशोरी साहू वर्षा साप्रे, प्रगति सेवा ,अंकिता सूर्य वंशी, आकंक्षा दिवाकर,अनामिका घोष, एम प्रियंका विशाल मौर्य, महक मुलचंदानी, महेश यादव, प्रियाशु बैसवाड़े यशराज पाण्डेय, आयुशी दुबे,सुजाता राजपुत, संतोषी देवांगन,मानषी साहू ,सुमन यादव,मानषी देवांगन , पी‌ पल्लवी, सहित अन्य बच्चो को पुरुष्कृत किया गया आभार प्रदर्शन अनिल‌ शर्मा ने किया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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