दोहरीकरण से रेलवे को सालाना 25 करोड़ का मुनाफा..रेल प्रशासन का दावा…मार्च में दोनों पटरियों पर दौड़ेंगी गाड़ियां

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— दक्षिण पूर्व मध्य रेल प्रशासन के अनुसार अनुपपुर- सलकारोड के बीच लगभग 600 करोड़ की लागत से  111 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य अंतिम चरण में है। खोंगसरा- पेंड्रारोड  के बीच 16 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य के लिए नान-इंटरलाकिंग का कार्य पिछले सोमवार से शुरू किया गया है । खंड पर खोंगसरा और पेंड्रारोड के मध्य घने जंगल के बीच पटरी बिछाने के बाद ट्रैक अलायमेंट कार्य किया जा रहा है।  कार्य के बाद बिलासपुर – कटनी रेल लाइन का दोहरीकरण मार्च के पहले सप्ताह तक पूरा कर लिया जाएगा।
यात्रियों को असुविधा
             रेल प्रशासन के अनुसार महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए कई गाड़ियों के संचालन के समय परिवर्तन तो कई गाड़ियों को रद्द किया गया है। लेकिन यात्रियों को हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए काम को जल्द से जल्द जल्द कम समय में पूरा कर लिया जाएगा।
नए के साथ प्लेटफार्म का होगा विस्तार
                   रेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार  बिलासपुर से अनुपपुर रेल लाइन के दोहरीकरण से सम्पूर्ण दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के यात्रियों को फायदा होगा। भविष्य में यात्री गाड़ी सेवा के विस्तार से आधारभूत संरचना फायदेमंद साबित होगा।  रेल खंड पर स्थित महत्वपूर्ण स्टेशन पेंड्रारोड के प्लेटफार्म 2 और 3 की लंबाई 24 कोच की जम्मूतवी एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति जैसी गाड़ियों का ठहराव भी किसी भी प्लेटफार्म पर आसान से हो सकेगा।  सारबहरा स्टेशन में प्लेटफार्म की संख्या 1 से बढ़कर 2 हो जाएगी ।  खोड़री स्टेशन में भी प्लेटफार्म की संख्या 3 को बढ़ाकर 4 किया जाएगा। पेंड्रारोड स्टेशन प्लेटफार्म की संख्या 4 से बढ़कर 5 हो जाएगी ।
सालाना 25 करोड़ का मुनाफा
                    रेल प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि  कार्य के दौरान तकनीकी रूप से बेहद कठिन कार्य सारबहरा और खोड़री स्टेशनों के बीच चालू एकल लाइन के ढलान में सुधार का कार्य किया जाएगा। कार्य पूरा होने से रेल प्रशासन को करीब 25 करोड़ रुपए प्रति वर्ष की बचत होगी। सतपुड़ा की पहाड़ियों पर अधिक वजन के गाड़ियों को चलाने के लिए हर समय इन स्टेशनों पर लगभग 7 इंजन तैनात रहते है । अब इंजनो की आवश्यकता नहीं होगी।
             पूरे 23 दिन के कार्य के दौरान 500 कर्मचारी और लगभग 100 अधिकारी कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे । साथ ही टी-28, यूनिमैट और ड्यूमैटिक जैसी बड़ी मशीने भी कार्य में इस्तेमाल की जाएगी।
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