परिजनों ने कहा…रांची में भठ्ठा मालिकों ने बनाया मजदूरों को बंधक..कोरे कागज में अंगूठा लेकर कर रहे ब्लैकमेल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— मस्तूरी क्षेत्र के विभिन्न गांवो से रांची झारखण्ड ईटाभठ्ठा में काम करने गए मजदूर के परिजनों ने आज पुलिस प्रशासन से परिजनों को सकुशल वापसी की मांग की है। प्रेसवार्ता कर इंटक नेता सौरभ दुबे समेत परिजनों ने बताया कि ईटभठ्ठा में काम करने गए लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। ना तो खाना ठीक से दिया जा रहा है..ना ही भुगतान हो रहा है। भीषण ठण्ड में भी 20 घंटे काम करवाया जा रहा है। हम लोगों ने पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई है कि सभी बंधक मजदूरों को जल्द से जल्द रिहा करवाना में सहयोग करेंं।

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                      प्रेस क्लब में इंटक नेता नेता और पीड़ित परिजनों ने बताया कि रांची झारखण्ड ईटाभठ्ठा मे काम करने गए बंधक मजदूरों को भठ्ठा मालिकों ने बंधक बना लिया है। अश्वनि कुमार जांगड़े ने बताया कि गांव के मजदूरों के साथ अक्टूबर 2018 में ईंट बनाने रांची गए। इसके पहले हम लोगों को स्थानीय ठेकेदार ने बताया कि सभी मजदूरों को 30 हजार रूपए एडवांश दिया जाएगा। इसके अलावा मौके पर चिकि्सा की व्यवस्था के साथ रहने के लिए पक्का मकान, जलाऊ लकड़ी और राशन की व्यवस्था होगी। लेकिन मौके पर पहुंचने के बाद किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी गयी।

                                 अश्वनी जांगड़े ने बताया कि मौके पर पहुंचने के बाद परिजनोंं से भठ्ठा मालिकों ने बिना किसी सुविधा और भुगतान के 20-20 घंटे काम ले रहे हैं। प्रति मजदूर 2000 से अधिक ईंटा पाथ रहे हैं। सप्ताह में करीब 10 हजार ईंट की पथाई कर रहे हैं। बदले में बिना खुराकी, रहने की व्यवस्था और जलाऊ लकड़ी की सुविधा के नाम पर मजदूरी के साथ 1000 रूपए दिया जा रहा है।

                                   अश्वनी ने पत्रकारों को बताया कि सभी मजदूर अब तक लाखों ईट का निर्माण कर चुके हैं। लेकिन हिसाब किताब नहीं दिया जा रहा है। मात्र खुराकी देकर काम कराया जा रहा है। मजदूरों से कोरे कागज और स्टाम्पस पेपर झूठा हस्ताक्षर लेकर ब्लैकमेल किया जा रहा है।

अश्वनी ने बताया कि बड़ी मुश्किल से मजदूरों का गुजारा हो रहा है। भठ्ठा मालिक हरी प्रसाद, दिलीप सिंह, वृक्षा सिंह, डॉ.मालिक मजदूरों का शोषण कर रहे हैं। सभी लोग दुबलिया पोस्ट आफिस चन्दवे थाना पिठोरीय जिला रांची के रहने वाले हैं। इन लोगों पर सख्त कार्रवाई कर मजदूरों को न्याय दिलाया जाए।

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