नाक के नीचे सरकारी जमीन पर कब्जा…देर रात बुलडोजर चलाने का आदेश…नियम विरूद्ध तो नहींं हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— जहां जमीन खाली है…या तो वह पटवारी का है…या फिर सरपंच या किसी रसूखदार का। लिंगियाडीह में भी ऐसा ही कुछ है। ना जाने किसके इशारे पर खाली जमीन को कोई हथिया ले…कहा नहीं जा सकता है। किसी ने जिला प्रशासन से लिखित शिकायत कर बताया कि दयालबंद निवासी सोनकर बन्धु प्रशासन की शह पर लिंगियाडीह स्थित सरकारी जमीन पर बेजाकब्जा कर निर्माण कार्य कर रहे हैं। जानकारी के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल तहसीलदार को मौके पर पहुंचकर बेजाकब्जा हटाने और कार्रवाई का आदेश दिया है।

                देर शाम कलेक्टर के आदेश पर तहसील प्रशासन ने पटवारी हल्का नम्बर 31 लिंंगियाडीह में बेजाकब्जा के खिलाफ तोड़ तोड़ अभियान चलाया है। जिला प्रशासन को जानकारी मिली कि गप्पू सोनकर और राकेश सोनकर दोनों भाईयों ने मिलीभगत कर सरकारी जमीन खसरा नम्बर 159/1 रकबा 5 दशमलव 395 हेक्टेयर पर बलात कब्जा किया है। दोनों ने मिलकर 1200 वर्गफिट पर अवैध निर्माण भी कर लिया है। जबकि मामला तहसील प्रशासन की जानकारी में भी है। बावजूद इसके अतिक्रमण और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।

                    शिकायत की जानकारी मिलते ही कलेक्टर ने नारायण गभेल समेत अन्य अधिकारियों को मौके पर भेजकर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का भी फरमान जारी किया। मौके पर लिंगियाडीह पटवारी को भी उपस्थित होने का निर्देश दिया।

                        आदेश जारी होने के बाद तहसीलदार और स्थानीय पटवारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। खबर लिखे जाने तक सरकारी जमीन पर बनाए गए निर्माण को जेसीबी से तोड़ा जा रहा है। किसी प्रकार की अशांति ना हो…मौके पर पुलिस भी मौजूद है।

                      बताया जा रहा है अतिक्रमण करने वालों को बचाने कई नेता भी मौके पर पहुंंच गए । कमोबेश सभी ने अपने रसूख का परिचय दिया। सरकडा पुलिस ने फिलहाल आरोपी गुड्डू सोनकर और राकेश सोनकर के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। खबर लिखे जाने तक सरकंडा थाने में सोनकर बन्धुओं के समर्थक मौजूद हैं। अतिक्रमण स्थल पर भी सोनकर बन्धुओं के समर्थक बने हुए हैं।  तोड़फोड़ के समय  तनाव का माहौल बना हुआ है। अभियान में जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है। स्थानीय लोगों में अतिक्रमण करने वालों के साथ ही प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है।

              बताते चलें कि नियमानुसार रात्रि को अतिक्रमण हटाना या तोड़फो़ड़ करना गैर कानूनी है। बावजूद इसके लिंगियाडीह में देर रात्रि को ही ना केवल तोड़फोड़ की कार्रवाई हुई। दबाव में नायब के साथ तहसीलदार को मौके पर पहुंंचना पड़ा। यह जानते हुए भी कि रात्रि को किसी भी निर्माण को तोड़ना नियमविरूद्ध है। बावजूद ऐसा हुआ। जबकि मौके पर मौजूद सभी लोग जानते हैं कि सूर्यास्त के बाद तोड़फोड़ किसी भी सूरत में नहीं जान पड़ता है। इतनी जल्दबाजी का सीधा सा मतलब है दाल में जरूर कुछ काला है।

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