रायपुर।पंचायत नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षकों का स्कूल शिक्षा विभाग में नीतिगत निर्णय हुआ उसका एक जुलाई 2018 से क्रियान्वयन प्रारंभ हुआ जिसके परिपेक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग की भर्ती पदोन्नति सेवा नियम में अनुकूलन की दृष्टि से नए नियम के प्रकाशन का नीतिगत निर्णय सरकार ने लिया था।CGWALL.COM के WhatsApp GROUP से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
सरकार के लिए गए निर्णय के अनुसार विभाग ने नई भर्ती पदोन्नति और सेवा नियम तैयार कर लिया है इस नई भर्ती पदोन्नति नियम को अंतिम रूप से सामान्य प्रशासन विभाग ने भी अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।
विभाग ने इसे राजपत्र में प्रकाशन के लिए आज शासकीय मुद्रणालय प्रेषित कर दिया।राजपत्र के प्रकाशन के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग में पूर्व से प्रचलित समस्त नियम विलोपित हो जाएंगे तथा समस्त संवर्ग के कर्मचारियों के लिए एक ही राजपत्र के अनुसार समस्त कार्रवाई या संपन्न होगी। इसी राजपत्र के अनुसार संविलियन प्राप्त कर्मचारियों की पदोन्नति एवं सेवा नियम का विनियमन होगा।
संविलियन होने के बाद से ही प्रदेश के शिक्षाकर्मी लगातार इस राजपत्र की बाट जोह रहे थे। इसके प्रकाशन के लिए शिक्षाकर्मी सन्गठनों के द्वारा मांग उठती रही, जिसमे प्रमुख रूप से *शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने लगातार इस विषय पर लोकशिक्षण संचालनालय में सम्पर्क बनाये रखा।
आज राजपत्र प्रकाशन के अंतिम चरण मुद्रण हेतु जाने पर राहत की सांस लेते हुए कहा कि राजपत्र का प्रकाशन होना सुखद है,और स्कूल शिक्षाविभाग के LB संवर्ग समेत समस्त शिक्षकों के लिए एक ही राजपत्र होगा,अर्थात सभी नियम एक समान होंगे।सहायक शिक्षक से लेकर संचालक तक नई भर्ती, पदोन्नति जैसे समस्त जटिल नियमों का विनियमन करने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय के समस्त अधिकारियों को भी साधुवाद प्रेषित की।
संघ के महासचिव धर्मेश शर्मा ने बताया कि यह राजपत्र,शिक्षाकर्मियों के मन मे चलने वाली समस्त आशंकाओं को समाप्त करने वाला होगा, यह हम सबके लिए बहुप्रतीक्षित था,नियम निर्धारण त्रुटिपूर्ण न हो शायद इसलिए यह विलम्ब हुआ होगा,इसके प्रकाशन के साथ संविलियन का प्रथम चरण सम्पन्न होने जा रहा है।यह हम सबके लिए सन्तोष का विषय होगा।
राजपत्र प्रकाशन प्रदेश के युवाओं के लिए भी एक सौगात की तरह है क्योंकि विभाग अब केवल नियमित शिक्षकों की भर्ती करेगा,जबकि शिक्षाकर्मियों ने इसके लिए लम्बा सँघर्ष किया था।