प्रशासन की निगरानी में होगा प्रतिमाओँ का विसर्जन

Chief Editor
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रायपुर ।    राज्य सरकार की ओर से  सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर कहा गया  है कि वे सब अपने जिलों में गणेशोत्सव और दुर्गोत्सव के दौरान मूर्ति विसर्जन चिन्हांकित स्थलों पर कराना सुनिश्चित करें।  परिपत्र में कहा गया है कि सभी जिला कलेक्टरों गणेश उत्सव  और दुर्गोत्सव में स्थापित होने वाली मूर्तियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए विसर्जन स्थलों की संख्या का आकलन सुनिश्चित कर लें ।

             
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नगरीय प्रशासन और विकास विभाग द्वारा 16 सितम्बर  को जारी परिपत्र में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। निर्देश में कहा गया है  कि जिला प्रशासन और स्थानीय प्राधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जिन स्थानों पर मूर्ति स्थापित की गयी है वहां के संयोजकों द्वारा सम्बंधित स्थानीय निकाय द्वारा अनुमति ली गयी है या नहीं । साथ ही जारी अनुमति पत्र में यह शर्त सम्मिलित होनी चाहिए कि मूर्ति का विसर्जन चिन्हित स्थल पर ही किया जाना अनिवार्य है .इस परिपत्र में जिला प्रशासन को यह जिम्मेदारी दी गयी है कि वे विसर्जन स्थल में व्यवस्था की निगरानी के लिए एस डी एम स्तर के एक प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति भी करें, साथ ही जिला प्रशासन द्वारा मूर्तियों के विसर्जन हेतु एक रूट चार्ट भी तैयार किया जाये जिसकी प्रति स्थानीय प्राधिकारियों और संयोजकों को उपलब्ध हो। स्थानीय प्राधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि विसर्जन का कार्य रूट चार्ट में उल्लेखित मार्गों से ही हो ।
परिपत्र में यह भी कहा गया है कि विसर्जन  के पश्चात् चिन्हित स्थलों से मूर्तियों को नियमित अंतराल से बाहर निकालने हेतु क्रेन और जाल आदि कि उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाये . ताकि मूर्तियों का आकर निर्धारित  सीमा से अधिक हो तो उन्हें आसानी से  बाहर निकाला जा सके । राज्य शासन द्वारा जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों को विसर्जित मलमा को नियत निपटान  स्थल तक पहुँचाने के लिए वाहन की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं दृ। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि किसी भी स्थिति में विसर्जन स्थल में मलमा शेष न रहे।

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