लखनऊ-लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा से एक बड़ी खबर आ रही है. तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए बसपा सुप्रीमों मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. बता दें उत्तर प्रदेश में भाजपा को पटकनी देने के लिए 23 साल पुरानी दुश्मनी को भुलाकर साथ-साथ आए सपा और बसपा ने चुनावी अभियान के लिए मंगलवार को अपना नया लोगो जारी किया.बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि मैं कभी भी चुनकर संसद में जा सकती हूं. अभी पिछड़ों के लिए लड़ना है और पूरे यूपी पर ध्यान केंद्रित करना है. मायावती (Mayawati) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन का जीतना ज्यादा जरूरी है. यह बहुत महत्वपूर्ण है. राजनीति में कई बार कड़े फैसले लेने पड़ते हैं. अभी देशहित और पार्टी के मूवमेंट को देखते हुए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है.सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
दोनों पार्टियों ने नए लोगो के रूप में ‘साथी’ शब्द का इस्तेमाल किया है. सपा के चुनाव निशान साइकिल से ‘सा’ और बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी से ‘थी’ लेकर ‘साथी’ बनाया है. इसके साथ ही नारा दिया है कि महागठबंधन से महापरिवर्तन. यही नहीं, सपा के साइकिल के पहिए और बसपा के हाथी सूंड को जोड़कर नया लोगो रचा है. अखिलेश यादव का यह ट्वीट महाराष्ट्र में सभी 48 लोकसभा सीटों पर सपा-बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद आया है. नए लोगो में साइकिल और हाथी को दिलचस्प तरीके से दिखाया गया है.
इतिहास चक्र pic.twitter.com/7jL4nTD3q0
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 19, 2019
लोगो में दोनों पार्टियों के रंगों का भी भरपूर ध्यान रखा गया है. बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. बसपा-सपा ने मंगलवार (19 मार्च) को मुम्बई में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी सपा-बसपा का गठबंधन प्रदेश की सभी 48 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा.
दोनों दलों के रुख से स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश की तरह ही महाराष्ट्र में भी सपा-बसपा कांग्रेस से चुनावी गठजोड़ नहीं करेगी. उत्तर प्रदेश में सपा 37 सीटों पर , बसपा 38 पर और तीन सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल अपने प्रत्याशी उतार रहे हैं.