मुंगेली प्रशासन ने चलाया बुलडोजर…अवैध प्लाटिंग करने वालों में हायतौबा…फिर भी रसूखदारों की नहीं चली हेकड़ी

BHASKAR MISHRA
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मुंगेली/बिलासपुर–मुंगेली में आज बिल्डरों पर प्रशासन का कहर टूटा। राजस्व प्रशासन ने मुंगेली में घूम घूम कर अवैध कालोनाइजरों के नाक में दम कर दिया। प्रशासन ने करीब एक दर्जन की संख्या में अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि इसमें कुछ रसूखदार लोग भी शामिल हैं। लेकिन प्रशासन के सामने किसी के एक नहीं चली। जिसके चलते बिल्डरों में आक्रोश और डर दोनों देखने को मिला।
                             मुंगेली संवादताता ने बताया कि मुंगेली जिला बनने के बाद पहली बार व्यापक स्तर पर जिला प्रशासन ने अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है। जिसके चलते अवैध कालोनाइजरों में दहशत का माहौल है। संवाददाता ने बताया कि कार्रवाई से पहले प्रशासन को लगातार अवैध प्लाटिंग को लेकर शिकायत मिल रही थी। लगातार शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने अवैध प्लाटिंंग करने वाले कालोनाजरों के खिलाफ नोटिस भी जारी किया। इस दौरान प्रशासन को यह भी जानकारी मिली कि कुछ लोगों ने अवैध तरीके से कागजात बनाकर प्लाट भी बेचा है। ऐसे लोगों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को जिला प्रशासन ने अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ ना केवल जमकर अभियान चलाया। बल्कि जेसीबी से व्यापक स्तर पर तोड़फोड़ भी किया।
             बताया जा रहा है कि कुछ रसूखदारों ने अपने रूतवे के दम पर नियम कानून को दरकिनार कर प्लाट बेचा है। प्रशासन से नोटिस मिलने के बाद भी अवैध कारोबर पर लगाम नहीं लगाया। इसके बाद प्रशासन सख्त कदम उठाते हुए…जगह जगह मौके पर पहुंंचकर बोर्ड को जेसीबी से उखाड़ फेंका।
                             जानकारी के अनुसार जिन अवैध प्लाटिंग के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उन्होने  ना तो टीएनसी करवाया है। उनका रेरा में पंजीयन तो दूर…शर्तों का भी पालन भी नहीं किया है। एक शिकायत कर्ता ने बताया कि बिल्डर ने जमीनों का डायवर्सन भी नहीं किया है। जिसके चलते जनता को परेशानी तो  प्रशासन को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा था।
                   बहरहाल इस कार्रवाई से मुंंगेली के बिल्डरों में दहशत है। देखने वाली बात है कि इस कार्रवाई से जमीन माफियों पर कितना असर होता है। यह तो बाद में पता चला चलेगा। लेकिन ग्राहकों ने राहत की सांस ली है। प्रशासन और सरकार के प्रति विश्वास जरूर पैदा हुआ है।
वं चार अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र प्राप्त किया
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