Chhattisgarh – PM आवास योजना ( शहरी ) में अब तक सिर्फ 9 फीसदी मकान ही पूरे हुए , CM भूपेश बघेल ने केन्द्र को पत्र लिखकर दिए प्रावधानों में बदलाव के सुझाव

Chief Editor
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 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि शहरी क्षेत्रों में सभी को पक्का आवास उपलब्ध कराना सरकार की मूलभूत प्राथमिकताओं में से एक है  ।  इसके लिए प्रदेश में केंद्र प्रवर्तित  प्रधानमंत्री आवास योजना  ( शहरी  ) लागू किया गया है  ।  किंतु कुछ नीतिगत समस्याओं के कारण योजना के क्रियान्वयन में प्रगति नहीं हो पा रही है  ।  उन्होंने ब्योरा दिया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना  ( शहरी )  की शुरुआत जुलाई 2015 से लेकर 2018 –  19 के बीच 1,96,874 आवास स्वीकृत किए गए हैं ।  जिनमें से मात्र 17,868 (  9% )  आवासों का ही निर्माण पूर्ण हो सका है ।  मुख्यमंत्री ने लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना  ( शहरी )  में अपेक्षित प्रगति के लिए प्रचलित दिशानिर्देशों में संशोधन किया जाना उचित होगा । उन्होंने सुझाया है कि जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिनुअल मिशन  (जेएनएनयूआरएम )  के अंतर्गत आवास निर्माण परियोजनाओं में केंद्र का अंश 80% निर्धारित किया गया है। जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना (  शहरी )  में केंद्र का अंश डेढ़ लाख रुपया जो कि आवास की लागत 5 लाख का 30% है ।  जिससे राज्य सरकार एवं हितग्राही दोनों पर अत्यधिक आर्थिक बोझ पड़ता है ।  इसे देखते हुए भारत सरकार की वित्तीय सहायता 3.5 लाख  प्रति आवास पुनर निर्धारित किया जाना आवश्यक है ।
 भूपेश बघेल ने लिखा है कि आवास स्वीकृति से लेकर हितग्राही को किस राशि जारी करने की प्रक्रिया जटिल है ।  जिसको संक्षिप्त एवं प्रभावी अमृत योजना की तर्ज पर किया जाना उचित  होगा   । इसका अधिकार राज्य सरकार को दिया जाना चाहिए ।  इसी तरह आवास निर्माण अवधि में हितग्राही अपना घर तोड़कर अन्य स्थान पर निवास करता है ।  शहरी क्षेत्र में आवास का किराया अधिक होने के कारण हितग्राही को आवास निर्माण अवधि तक कम से कम 2000 रुपए  प्रतिमाह शत प्रतिशत राशि केंद्र से उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान योजना में किया जाना चाहिए ।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर उम्मीद जताई है कि इन बिंदुओं पर विचार कर आवश्यक निर्णय शीघ्र दिया जाएगा  ।  जिससे शहरी क्षेत्र में आवास निर्माण की प्रगति में वृद्धि होगी और मिशन अवधि में लक्ष्य को प्राप्त किया जाना संभव हो सकेगा  ।

 

 

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