रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पी आर यादव ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है । साथ ही कहा है कि कर्मचारियों के सभी प्रकार की देनदारी का भुगतान जल्दी से जल्दी सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।
एक बयान में पीआर यादव ने कहा है कि 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है । पूरे प्रदेश में पिछले 31 मार्च तक कोषालय में जमा देयकों का तकनीकी कारणों से भुगतान नहीं होना बताया जा रहा है । लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और ही है । शासन के खजाने में प्राप्ति नहीं होने से भुगतान की समस्या मानव निर्मित है । कथित रूप से कोषालय संचालनालय में से सरवर डाउन या तकनीकी दिक्कत के नाम पर पिछले 18 मार्च से ही बिलों का भुगतान नहीं हुआ है । विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार संचालनालय से व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से कोषालय अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है , व्हाट्सएप मैसेज के अनुसार शुरू में 25 लाख रुपए की अनुमति पूंजीगत व्यय के लिए दी गई थी। शेष सभी प्रकार के भुगतान पर रोक लगा दी गई थी । शासकीय कर्मचारियों का वेतन एरियर्स सभी प्रकार के स्वत्वों का भुगतान रुका हुआ है । यहां तक की एक्सग्रेशिया की राशि तक मृतक कर्मचारियों के परिवारों को भुगतान नहीं की गई है । वित्तीय अधिकारियों का आकलन है कि पूरे प्रदेश में करीब 4:30 हजार करोड़ रुपयों का स्वीकृत बजट के मद का भुगतान रुका हुआ है ।
श्री यादव ने बयान में यह भी कहा है की पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का आरोप है कि प्रदेश वित्तीय दिवालियापन की स्थिति में पहुंच गया है । मुख्यमंत्री ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा है कि डॉ रमन सिंह की सरकार 50 हजार करोड़ का कर्ज प्रदेश के ऊपर छोड़कर गई है । आरोप-प्रत्यारोप के चुनावी राजनीति में प्रदेश की वास्तविक आर्थिक हालत की जानकारी पाने का जनता को हक है । उन्होंने प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है । साथ ही कहा है कि कर्मचारियों के सभी प्रकार के स्वत्व का भुगतान शीघ्र सुनिश्चित करें ।
उन्होंने बताया कि नए वित्तीय वर्ष 20 19 – 20 के स्वीकृत बजट से राशि व्यय करने के लिए विभाग को थोड़ा और समय लगेगा । गवर्नर के हस्ताक्षर हो कर विधानसभा से पारित बजट शासन को प्राप्त हो चुका है । कर्मचारियों के मार्च 2019 का वेतन देयक कोषालय में 6 अप्रैल के बाद ही जमा होंगे । वेतन बिल के भुगतान के बाद ही कर्मचारियों के अन्य प्रकार के बिल का भुगतान हो पाएगा । रायपुर कोषालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 6000 से अधिक बिल का भुगतान पेंटिंग है जिसकी राशि हजार करोड़ रुपए से अधिक है ।
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