जेटली के बयान पर कांग्रेस का पलटवार : कहा – राज्य के जनादेश का अपमान

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Congress Issues Whip,Congress Targets Pm Modi In Cbi Vs Cbi Case After Sc Verdict Randeep Singh Surjewala,रायपुर।भाजपा नेता वित्तमंत्री अरूण जेटली और अन्य भाजपा नेताओं द्वारा प्रेस कांफ्रेंस लेकर माओवाद से कांग्रेस के संबन्ध के आरोपों को कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति व्यक्त किया है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि देश के वित्तमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे हुये व्यक्ति ने इतना वाहियात और निम्न स्तर का बयान देकर न सिर्फ अपनी बल्कि अपने दल भाजपा की भी बची खुची विश्वसनीयता को समाप्त कर दिया है।

कांग्रेस पर माओवाद से सांठगांठ कर छत्तीसगढ़ का चुनाव जीतने का आरोप लगाकर अरूण जेटली ने राज्य के जनता के जनादेश का अपमान कर रहे है। जेटली भूल रहे है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस को तीन चौथाई बहुमत का जनादेश दिया है।

छत्तीसगढ़ का एक बड़ा हिस्सा माओवाद से प्रभावित नहीं है और माओवाद प्रभावित बस्तर के साथ-साथ इन इलाकों में भी तो कांग्रेस को प्रचंड जीत मिली है। छत्तीसगढ़ में माओवाद भाजपा के 15 सालां के राज में फला-फूला और विस्तारित हुआ है।

2003 में जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई तब राज्य में नक्सलवाद बस्तर के 4 ब्लाकों तक ही था, भाजपा के राज में यह बढ़कर प्रदेश के 14 जिलों तक पहुंच गया। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों में माओवाद के खिलाफ लड़ाई कमजोर हुई। मोदी सरकार ने माओवाद के खिलाफ लड़ाई के लिये राज्यों को संसाधन और सुरक्षा बलों की उपलब्धता में कटौतियां कर दी।

कांग्रेस की यूपीए सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा और आंतरिक आतंकवाद से लड़ने के लिये राष्ट्रीय आतंक विरोधी दस्ते का एनसीटीसी का निर्माण किया था, मोदी सरकार के आने के बाद इसको बंद कर दिया गया।

कांग्रेस ने तो नक्सल आतंक ने दंश को झेला है, 25 मई 2013 को भारतीय जनता पार्टी की रमन सरकार के राजनैतिक विद्वेष के कारण हटाई गयी सुरक्षा के कारण कांग्रेस के नेताओं की पूरी एक पीढ़ी की सामूहिक हत्या नक्सलियों के द्वारा कर दी गयी।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जेटली जानकारी दुरूस्त कर लें, नक्सलियों से संबंध और सांठ-गांठ तो भाजपा और उसके नेताओं के रहे है।

भाजपा के बड़े नेता रामविचार नेताम ने माओवादियों को 4 लाख चंदा दिया था। रामविचार नेताम माओवादियो को चंदा देते थे और बकायदा रसीद पकड़ाई थी। 2004 की विधानसभा की कार्यवाही में यह बात पर चर्चा भी हुयी थी।

कांग्रेस द्वारा जांच की मांग को स्वीकार न कर भाजपा के बड़े नेता रामविचार नेताम द्वारा माओवादियों को चंदा देने के मामले को दबाया गया। शुभांशु चौधरी की किताब ‘‘उसका नाम वासु नहीं है’’ के पृष्ठ क्रमांक 101 में माओवादी नेता रामन्ना के हवाले से लिखा है कि लता उसेन्डी के पिता नारायणपुर में माओवादी सहित्य का प्रकाशन करते थे।

मोआवादी नेता रामन्ना ने भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेन्डी के घर आने-जाने रहने और उनके हेडमास्टर पिता के साथ भोजन करते रहने की बात लिखी है। कभी किसी भी भाजपा नेता ने इस लेखन पर आपत्ति भी दर्ज नहीं की है। जिस कांग्रेस के नेताओं की माओवादी घटनाओं में शहादत हुयी है, भाजपा के मंत्री अरूण जेटली उस कांग्रेस से सबूत मांग रहे है।

जिनका नाखून भी नही कटा वह सिर कटाने वालों से सबूत मांगे, इससे ज्यादा गैर जिम्मेदाराना और कुछ भी नहीं हो सकती। कांग्रेस माओवाद के खिलाफ लड़ाई और इस समस्या के समाधान के लिये प्रतिबद्ध है। इसीलिये कांग्रेस ने अपने 2019 के लोकसभा के चुनाव के घोषणा पत्र में इसका स्पष्ट उल्लेख किया है।

कांग्रेस ने तो अपने घोषणा पत्र में देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने का प्रावधान किया है। घोषणा पत्र के बिन्दु 15 में वायदा किया गया है कि देश की आतंरिक सुरक्षा को सबसे ज्यादा खतरा आतंकवाद, आतंकवादियो को घुसपैठ, माओवादी, नक्सलवाद, जातीय साम्प्रदायिक संघर्ष से है।

कांग्रेस इन सभी खतरों से अलग-अलग तरीके से निपटेगी। कांग्रेस ने वायदा किया है आतंकवाद और आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिये स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ कठोरतम उपाय करेंगे। माओवाद, नक्सलवाद से निपटने के लिये कांग्रेस ठोस रणनीति अपनाएगी।

हिसंक गतिविधियो को रोकने के लिये जहां एक तरह कठोर कार्यवाही की जायेगी, वहीं दूसरी तरफ नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य किये जायेंगे, जिससे कि प्रभावित क्षेत्र की जनता के साथ-साथ भटके हुये लोगो को मुख्यधारा में लाया जा सके। कांग्रेस ने देश की आंतरिक सुरक्षा से निपटने के लिये सरकार बनने के तीन महिने के अन्दर राष्ट्रीय आतंक विरोधी केन्द्र NCTC बहाली करने और दिसंबर के अंत तक देश में NATGRID शुरू करने करने का वायदा किया है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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