आम आदमी पार्टी का एलान…करेंगे परसा केते कोल ब्लाक का विरोध…आदिवासियों के समर्थन में करेंगे विरोध

BHASKAR MISHRA
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रायपुर–परसा केते कोल ब्लॉक पर अदानी ग्रुप के कार्य शुरू होने पर आदिवासी ग्रामीणों ने विरोध किया है। आम आदमी पार्टी ने समर्थन कर सरकार की परेशानियों को बढ़ा दिया है। आम आदमी पार्टी की 11 सदस्यीय जाँच कमेटी 2 अप्रैल को सरगुजा क्षेत्र के ग्राम मदनपुर पहुँची। क्षेत्र में कार्य करने वाली समाजसेवी संस्थाओं से मुलाकात कर वस्तुस्थिति का जायजा लेकर तैयार रिपोर्ट बड़़े नेताओं को सौंप दिया है।
                                कोल ब्लाक का विरोध कर रहे स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों ने विरोध किया है। विऱोध के कारणों को जानने और समझने 3 अप्रैल को आम आदमी पार्टी की 11 सदस्यीय टीम परसा केते पहुंची। कोल ब्लॉक से सीधे तौर पर प्रभावित सालही, फत्तेपुर, हाटबर्रा समेत अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हरिहर पुर जैसे पाँच ग्रामीणों से आप नेताओं ने मुलाकात की। टीम ने रिपोर्ट तैयार कर बड़े नेताओं को सौंप दिया है।
                          आम आदमी पार्टी की रिपोर्ट के अनुसार फत्तेपुर में ग्रामीणों ने बताया कि समय महुआ एकत्र करने का है।गाँव के स्त्री पुरुष सुबह  महुआ बीनने जंगल जाते हैं। दोपहर में वापस गाँव पहुँचे तो राजस्व विभाग के कर्मचारी 23 गाड़ियों में भरकर आई पुलिस के संरक्षण में हमारे घर-बाड़ी का नापजोख और हमारी जानकारी मांग रहे थे। हमनें कड़ा विरोध किया..इसके बाद अधिकारी और पुलिस दल को वापस जाना पड़ा।
                                      ग्रामीणों ने बताया कि बिना ग्रामसभा के अनुमोदन के फर्जी दस्तावेजों के सहारे और फर्जी जनसुनवाई कर प्रक्रिया को पूरा किया गया है। परसा केते कोल ब्लॉक में अदानी ग्रुप को काम शुरू करने की अनुमति की जानकारी मिलते ही प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने आदिवासी क्षेत्र में लागू पांचवी अनुसूची और हितों की रक्षा के लिए संघर्ष शुरू कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार अब तक जनपद, जिला पंचायत, ब्लॉक तहसील, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कई बार लिखित और मौखिक गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके सुनवाई नहीं हुई। पाँचवी अनुसूची के अंतर्गत आदिवासियों के हितों की रक्षा की बात महज छलावा है।
              टीम ने रिपोर्ट में बताया कि क्षेत्र के ग्रामीणों में कोल ब्लॉक को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। आदीवासी अपनी जमीन को किसी भी सूरत में छोड़ने को तैयार नहीं है। जमीनों पर कोल खनन का विरोध कर रहे हैं। जमीन बचाने के लिए जान भी देने को तैयार हैं।
                                    रिपोर्ट की मानें तो अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित ग्रामीणों ने  भी कोल ब्लॉक का विरोध किया है। ग्रामीणों का मानना है कि परसा केते ईस्ट कोल ब्लॉक का खनन चालू हो चुका है। क्षेत्र का पर्यावरण नष्ट हो चुका है। कोल ब्लॉक के आसपास के भागों का जलस्तर बहुत गिर चुका है।
                   महिलाएँ भूमि अधिग्रहण की संभावना से डरी हुई हैं। पूर्व में भी जमीन अधिग्रहण के बाद परिवारों को बिखरते और बर्बाद होते आंखों से देखा गया है। इसलिए ग्रामीण नहीं चाहते कि उनका भी हश्र ऐसा ही हो। अधिकारों की रक्षा के लिए आदिवासी महिलाएं अपने बाल बच्चों समेत पुरुषों को लड़ाई में सहयोग करने के कमरकसकर तैयार हैं।
                                     आम आदमी पार्टी ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि जाँच दल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि  कोल ब्लॉक के निजीकरण से आदिवसियों के विकास की बात बेमानी है। पूर्व में चल रहे कोल ब्लॉक में काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि उन्हें 6 हजार से लेकर 12000 रुपये प्रतिमाह की मजदूरी मिलती है। जबकि केंद्र सरकार के कोल उपक्रमों में 40 से 60000 रु मजदूरी प्रतिमाह मिलती है। कोल ब्लॉक में सुरक्षा और स्वाथ्य के जोखिमों को देखते हुए अदानी ग्रुप की कम्पनी आदिवासियों की शोषण कर रही है।
                       आम आदमी पार्टी नेताओं ने प्रेस नोट में बताया कि परसा केते कोल ब्लॉक क्षेत्र के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित लगभग सभी 40 गाँवों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलेंगे। आम आदमी पार्टी, आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामीणों के अधिकारों के हनन को रोकने हर स्तर तक जाएगी।
                     आप आदमी पार्टी जांच दल में प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी, प्रदेश संगठन मंत्री सूरज उपाध्याय, सचिव उत्तम जायसवाल, प्रदेश सह संयोजक दुर्गा झा, स्टेट को-कोऑर्डिनेटर प्रफुल्ल बैस, संजय शर्मा, सरगुजा जिला से मनोज दुबे,बिलासपुर से प्रथमेश मिश्रा, डी डी सिंह, संजय अग्रवाल, सुरेश पचोरी शामिल थे। जाँच दल के समन्वयक संतराम सलाम,रामेश्वर विश्वकर्मा, अजय सिंह, साकेत त्रिपाठी थे।
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