जोगी ने कहा..राज्य शासन का नियंत्रण खत्म…नक्सलियों के मंसूबे भारी…कुप्रबंधन से बढ़ेगा वित्तीय संकट

BHASKAR MISHRA
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Ajit Jogi, Janta Congress Chhattisgrah, Mayawati, Bsp, Chhattisgarh,रायपुर—लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा नक्सल गतिविधियों पर राज्य शासन का नियंत्रण खत्म होता जा रहा है। कांकेर में 4 और धमतरी में 1 जाबाज और बहादुर सैनिकों की शहादत प्रदेश की दर्दनाक घटनाओं मे से एक है। पुलिस कैम्प से मात्र डेढ़ किलोमीटर दूरी पर नक्सलियों का एबुंस लगाना माओवादियों के बढे़ हुये मनोबल को जाहिर करता है। शायद पहली बार प्रदेश के इतिहास मे ऐसी घटना हुई है कि हेलिकाप्टर के पायलट ने दंतेवाड़ा तक उड़ान भरने से नक्सलियों के डर से इंकार कर दिया।
                            जनता कांग्रेस की तरफ से अजीत जोगी ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि विश्वश्त सुत्रो के अनुसार बीजापुर और दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में बिना किसी भय के नक्सली पर्चे बांट रहे है।  दीवारों पर नारे लिखे गये है। जिला मुख्यालय तक नक्सलियों का निडरता से प्रवेश अच्छे भविष्य के संकेत नही हैं।
                प्रेस नोट में जोगी ने बताया है कि अभी कांग्रेस की सरकार को बने अधिक समय नही हुआ है। बावजूद इसके माओवाद के संबंध में वर्तमान सरकार ने अभी तक कोई रोडमैंप या नीति नही बनाई है औ। नक्सलियों को स्वतंत्र छोड़ दिया गया है। यह कहकर कि लोकसभा चुनाव के बाद इस तरफ ध्यान दिया जाएगा। प्रदेश के सबसे गंभीर समस्या को नजर अंदाज करना अत्यंत घातक सिद्ध होगा।
                    जोगी ने कहा कि प्रदेश में वित्तीय संकट की खबरों के साथ राज्य सरकार ने  सभी विकास कार्यो और योजनाओं को रोक दिया है। मनरेगा के मजदूरो को कई महीनो से भुगतान नही किया गया है। गांवों मे बनाए गए शौचालयों का सरपंच को भुगतान नही किया गया है।  अफवाह भी सरकारी कर्मचारियो को परेशान कर रही है। जबकि भविष्य मे उनके वेतन का भुगतान करना भी राज्य शासन के लिए मुश्किल हो जाएगा।
                               कुल मिलाकर प्रशंसनीय शुरूआत वर्तमान सरकार ने कर्जमाफी और 2500 रूपये क्विंटल धान का समर्थन मूल्य देकर भी वह अनियंत्रित होती हुई नक्सल समस्या और बेकाबू वित्तीय संकट के सामने धूमिल होती जा रही है।  जनता कांग्रेस की राज्य सरकार से अपेक्षा है कि नक्सल समस्या पर अपनी नीति तत्काल स्पष्ट करे। राज्य शासन नक्सलियों के खिलाफ  कार्यवाही प्रारंभ करे। लोकसभा चुनाव का परिणाम आने का इंतजार न करें। वित्तीय कुप्रबंधन की तरफ भी सरकार को तत्काल उचित कदम उठानी चाहिये। विकास कार्यो पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव से हटाना चाहिए। मनरेगा का भुगतान की भी तत्काल व्यवस्था की जानी चाहिये।
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