Chhattisgarhः स्टैंडअप योजना का लक्ष्य नहीं हो पा रहा पूरा… नियमों में सरलीकरण के लिए CM भूपेश बघेल ने PM को लिखी चिट्ठी

Chief Editor
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रायपुर ।  अनुसूचित जाति जनजाति और महिलाओं में उद्यमिता का विकास करने के लिए भारत सरकार की ओर से शुरू की गई स्टैंड अप इंडिया योजना की प्रगति बहुत धीमी है  और लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है।  इस योजना के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ के बैंकों में उत्साह की कमी है  । करीब 4 साल बीत जाने के बाद भी इस योजना में केवल 18 70 प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं और 1279 प्रकरणों में ऋण वितरण किया गया है  । योजना की धीमी रफ्तार को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है  । जिसमें योजना की प्रक्रिया में सरलीकरण के लिए कहा गया है ।
भूपेश बघेल में चिट्ठी में लिखा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा महिला वर्ग में उद्यमिता का विकास करने के लिए भारत सरकार की ओर से 15 अगस्त 2015 को स्टैंड अप इंडिया योजना शुरू की गई है  ।  इस योजना के तहत अनुसूचित व्यवसायिक बैंक की प्रत्येक शाखा को एक अनुसूचित जाति या जनजाति उद्यमी और एक महिला उद्यमी को विनिर्माण क्षेत्र या व्यवसाय में नया उद्यम प्रारंभ करने के लिए  10 लाख से एक करोड़ तक का दिए जाने का प्रावधान है ।
उन्होने लिखा है कि भारत सरकार की ओर से निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ में स्थित बैंक शाखाओं को वर्ष 2017 में 4300 , 2017 –  18 में 4300 और 2018 –  19 के लिए 4800 प्रकरणों में ऋण वितरित करना था ।  इस लक्ष्य के विरुद्ध अभी तक केवल 1870 प्रकरण 438.35 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं तथा केवल 1279 प्रकरणों में 160.29 करोड़ पर ऋण वितरण किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है ।   यह अत्यल्प प्रगति भी  राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के निरंतर अनुसरण एवं राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी में लगातार चिंता व्यक्त करने के भाग प्राप्त की जा सकती है  ।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि इससे यह स्पष्ट है कि भारत सरकार की इस फ्लैगशिप योजना के क्रियान्वयन के प्रति राज्य के बैंकों में उत्साह का अभाव है । उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि यथोचित हस्तक्षेप कर प्रक्रिया में सरली सरलीकरण के लिए संबंधित लोगों को निर्देश देने का कष्ट करें ।  जिससे नए वित्तीय वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य में स्टैंड अप योजना का लक्ष्य प्राप्त हो सके  और राज्य के अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा महिला वर्ग के नवोदित उद्यमी उद्योग प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित हो ।

 

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