अभियंताओं ने खोला मोर्चा…कहा सामान नहीं..फिर काम कैसे करें…आयुक्त से बताया अदूरदर्शी है मुख्य कार्यपालन अभियंता

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—छत्तीसगढ़ डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के बैनर तले इंजीनियरों ने आयुक्त से लिखित में कार्यापालन अभियंता की शिकायत की है। इंजीनियर और डिप्लोमा होल्डर कर्मचारियों ने बताया कि कार्यपालन अभियंता की तानाशाही से कर्मचारियों का जीना मुश्किल हो गया है। बिना सुविधा और सामाग्री दिए आदेश जारी किया जाता है कि हैण्डपम्प सुधारा जाए। अन्यथा सीआर बरबाद कर दिया जाएगा। कर्मचारियों ने बताया कि ऐसी परिस्थितियों मे काम करना मुश्किल हो गया है।

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                लिखित शिकायत में कर्मचारियों ने आयुक्त से कहा कि बिना स्पेयर पार्टस और अन्य सुविधाओं के हैण्डपम्प कैसे सुधारा जा सकता है। कर्मचारियों ने बताया कि गर्मी शुरू हो चुकी है। यह जानते हुए भी जिले के 80 प्रतिशत हैण्डपम्प खराब है। यह जानते हुए भी विभाग में सामाग्री नहीं है। फिर भी हैण्डपम्प ठीक करने का आदेश जारी कर दिया जाता है।

          कर्मचारियों ने बताया कि विभाग में स्पेयर पार्टस या तो हैं नहीं  यदि हैं तो पर्याप्त नहीं।  दूर दराज क्षेत्रों में पहुंचने के लिए वाहन की जरूरत होती है। लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। ज्यादातर मैदानी कर्मचारी रिटायर्ड हो चुके हैं। उनके स्थान पर संविदा में तकनीशियन और हेल्पर काम कर रहे हैं। उन्हे भी पिछले 6 से 8 महीनों से भुगतान नहीं किया गया है। उन्होने भी काम करने से इंकार कर दिया है। ऐसी स्थिति खासकर पेन्ड्रा और तखतपुर क्षेत्र में देखने को मिल रही है।

                       उप अभियंताओं ने जानकारी दी कि कार्यापालन अभियंता की लापवाही से पिछले सत्र का एक करोड़ रूपए लैप्स हो चुका है। इससे कार्यपालन अभियंता की दूरदर्शिता पर सवाल उठना लाजिम है। फिर भी कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करना और काम को अंजाम तक पहुंचाने केल लिए रोज फरमान जारी किया जाता है। अभियंताओं ने कहा कि यह सच है कि हैण्डपम्प के बिगड़ने से जनता पानी के लिए परेशान है। फिर भी कार्यपालन अभियन्ता नोटिस नोटिस खेल खेल रहे हैं।

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