करणी सेना का आरोप..पीएम के भाई प्रहलाद मोदी ने घोला जहर…ठाकुर समाज में आक्रोश…आचार संहिता का किया उल्लंघन

BHASKAR MISHRA
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 बिलासपुर—- राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाई प्रहलाद मोदी पर जातीय उन्माद करने का आरोप लगाया है। करणी सेना जिला कार्यालय पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट से लिखित शिकायत की है। इसके अलावा कोतवाली थाना पहुंचकर लिखित में प्रहलाद मोदी के खिलाफ विरोध जाहिर किया है। करणी सेना का आरोप है कि प्रहलाद मोदी ने 12 अप्रैल को सामाजिक कार्यक्रम के दौरान ठाकुर समाज को अपमानित किया है। उन्होने कहा कि तेली ठाकुरों के भी बाप हैं। निश्चित रूप से ऐसा कहना अापत्तीजनक बयान है।
                          राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री के भाई प्रहलाद मोदी पर ठाकुर समाज के प्रति गलबयानी करने का आरोप लगाया है। ठाकुर समाज प्रहलाद मोदी के बयान के बाद अपमानित महसूस कर रहा है। करणी सेना के पदाधिकारियों ने जिला कार्यालय पहुंचकर ना केवल अपनी बातों को रखा है। बल्कि लिखित में शिकायत की है। इसके अलावा करणी सेना के लोगोंं ने सिटी कोतवाली पहुंचकर विरोध दर्ज किया है।
                        राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख ने बताया कि पीएम के भाई प्रहलाद मोदी सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत करने बिलासपुर आए थे। उन्होने 12 अप्रैल को शनिचरी बाजार वार्ड क्रमांक 26 स्थित एक धर्मशाला में समाज के लोगों के साथ बैठक की। इस दौरान मोदी ने अपने औपचारि भाषण में ठाकुर को अपमानित करते हुए कहा कि तेली ठाकुर के भी बाप होते हैं।
                    करणी सेना के पदाधिकारियों ने कहा प्रहलद मोदी के इस बयान के बाद ठाकुर समाज अपमानित महसूस कर रहा है। समाज में आक्रोश है। साथ ही यह भी कहा कि छत्तीसग़ढ़ में तेली और ठाकुर समाज अब तक भाई चारे की भावना से रहता आया है। ऐसा लगता है कि प्रहलाद मोदी ने जानबूझकर ठाकुर और तेली समाज के बीच वैमनस्यता का जहर घोला है।
                 करणी सेना के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रहलाद मोदी भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाई हैं। जाहिर सी बात है कि उनकी सामाजिक और विधिक दायित्व भी अधिक है। उनके भाषण से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। टिप्पणी का समाज पर व्यापक असर भी देखने को मिल रहा है। ऐसा लगता है कि उन्होने जातीय उन्माद फैलाने का काम सोची समझी रणनीति के तहत किया है।
                   विरोध प्रदर्शन करने वालों में भाजपा कांग्रेस के अलावा जनसामान्य लोग भी शामिल थे।
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