रायपुर—पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भाजपा के राष्ट्रवाद को छद्म राष्ट्रवाद कहा है। दरअसल राष्ट्रवाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अन्य जुमलों की श्रेणी का ताजातरीन जुमला है। भाजपा का राष्ट्रवाद से दूर-दूर तक कोई वास्ता नही है। लोकसभा चुनाव में केवल जनता को भ्रमित कर वोट हथियाने के लिए ही भाजपा ने राष्ट्रवाद को पैदा किया है। दरअसल इसके पीछे भाजपा का केवल हिडन एजेन्डा है। भाजपा की मातृसंस्था आरएसएस मुख्यालय परिसर में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों के अवसर पर राष्ट्रध्वज फहराने में 70 वर्ष लगा दियें। संघ की इस हरकत ने संघ और भाजपा के राष्ट्रवाद की पोल खोलकर रख दी है।
जोगी ने कहा है कि भाजपा, जनसंघ और आरएसएस के पूर्वज आजादी के पहले वन्दे मातरम और भारत माता की जय का उद्घोष तक नही किया था। क्योकि आजादी के आन्दोलन में जो भी व्यक्ति इस प्रकार के देशभक्ति के नारों का इस्तेमाल करता था अंग्रेज उन्हें जेल में ठूस दिया करते थे। उस समय संघ के पूर्वजो ने आजादी के आन्दोलन से अपने आप को दूर रखा था। क्या यही था और है भाजपा और संघ का राष्ट्रवाद ? इतिहास साक्षी है आजादी के आन्दोलन में भाजपा और संघ के पूर्वजो का कोई योगदान नही था। जेल जाने की बात तो दूर इनके पूर्वजों ने सन् 1942 के अंग्रेजो भारत छोड़ो के आन्दोलन में इस प्रकार के नारेबाजी से अपने आप को दूर ही रखा। इन सभी घटनाक्रमों ने भाजपा के राष्ट्रवाद को भी एक जुमला साबित कर दिया है।
जोग