एक्सरे मशीन लगाने 1 लाख की मांग..नोडल अधिकारी की धमकी…बंद कर दूंगा दुकान..एसीबी ने 50 हजार लेते पकड़ा

BHASKAR MISHRA
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  बिलासपुर —एसीबी टीम ने मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में धावा बोलकर पीसीपीएनडीटी के नोडर अधिकारी को पचास हजार का घुस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पीएनडीटी अधिकारी अविनाश खरे ने एक्सरे मशीन लगाने की अनुमति देने के एवज में एक लाख रूपए की डीमांड की थी। पीडित डॉ.राजेश जायसवाल ने एसीबी से मिलकर डॉ. अविनाश को आज दोपहर रंगे हाथों पकड़ाया है। वहीं इस मामले में सीएचएमओ मधुलिका सिंह ने जानकारी होने से इंकार किया है।

                                                 सीएचएमओ कार्यालय स्थित पीसीपीएनडीटी नोडल अधिकारी अविनाश खरे को एसीबी ने पचास हजार रूपए घुस लेते रंगे हाथों पकड़ा है। कहानी कुछ इस तरह है।

                             डॉ.राजेश जायसवाल ने पत्रकारों को बताया कि वह जायसवाल डायग्नोस्टिक और जायसवाल पैथोलैब चलाता है। अविनाश खरे सीएचएमओ कार्यालय में पीएनडीटी का नोडर अधिकारी है। अविनाश खरे कई महीनों से ब्लैकमेल कर रहा था। उसने दबाव बनाया कि यदि दोनों संस्थानों को चलाना है तो एक एक लाख के हिसाब से सालाना दो लाख रूपए देना होगा। यदि सालाना रूपए नहीं दिया तो कुछ भी गलती निकाल सकता हूं…इतना ही नहींं संस्थानों को भी बंद कर दूंगा।

                        डॉ. राजेश जायसवाल ने बताया कि मैं एक्सरे मशीन लगाने के लिए आवेदन दिया। अविनाश खरे ने कहा कि अनुमति के उसे एक लाख रूपए देना होगा। मैने फरवरी महीने में 25 हजार रूपए भी दिए। इसके बाद वह लगातार फोन कर 75 हजार रूपए के लिए दबाव बना रहा था। उसने फिर से धमकी दी कि यदि दिमाग खराब हुआ तो छापामार कार्रवाई कर दो क्लिनिक को बंद कर देगा। इतनी गलतियां निकालुंगा कि कभी क्लिनिक नहीं खोल सकता है।

                              जायसवाल के अनुसार उसने विनाश खरे की बातचीत को रिकार्ड किया है। रिकार्ड को लेकर एसीबी कार्यालय गया। उन्हे भी सुनाया। एसीबी के निर्देश पर अविनाश खरे को आज दोपहर पचास हजार रूपए देने गया। बाकी 25 हजार रूपए बाद में देने को कहा। रूपए देने के बाद नोडल अधिकारी के पास ही बैठ गया। एसीबी की टीम ने पचास हजार के साथ अविनाश को रंगे हाथों एसीबी की टीम ने पकड़ा।

                                          एसीबी कार्रवाई की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए सीएचएमओ डॉ.मधुलिका सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि माजरा क्या है। यह जानकारी मिल रही है कि एसीबी की टीम पहुंची है। किस लिए आयी है..फिलहाल हमें इसकी जानकारी नही है। मधुलिका ने बताया कि पीसीपीेएनडीटी के प्रमुख कलेक्टर होते हैं। अविनाश खरे..विभाग के नोडल अधिकारी हैं। यद्यपि यह हमारा ही विभाग है। लेकिन हमें प्रकरण की जानकारी नहीं है।

                        पत्रकारों के लगातार पूछने पर आखिर में मधुलिका सिंह ने कहा कि सुना है कि पचास हजार रूपए के रिश्वत प्रकरण को लेकर कार्रवाई हुई है। लेकिन एसीबी टीम से उनका कोई सम्पर्क नहीं है। क्या टीम बिना सीएचएमचो की अनुमति से कार्यालय में अपने काम को अंजाम दे सकता है के सवाल पर सीएचएमओ ने कहा कि अब उन्हीं पूछा कि क्या ऐसा संभव है। चपरासी बता रहा है कि एसीबी की टीम आयी है। और धड़धड़ाते अविनाश खरे के चैम्बर में घुस गयी है। फिलहाल मैं जल्दी में हूं। इस बारे में मेरे पास फिलहाल कोई जानकारी भी नहीं है।

अविनाश खरे को भेजा गया जेल

                             एसीबी टीम ने उचित कार्रवाई के बाद अविनाश को प्रकरण के साथ न्यायालय में पेश किया। इसके उसे जेल भेज दिया गया है। फिलहाल एसीबी ने मामले में कुछ भी बताने से इंकार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी अविनाश से पूछताछ भी होगी।

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