बिलासपुर— शहर में दिनों-दिन नशे का कारोबार फल फूल रहा है। पुलिस कार्रवाई के बाद भी नशे के सौदागरों की बाढ़ रूक नहीं रही है। अब तो लोगों को पुलिस कार्रवाई पर ही संदेह होने लगा है। जेल से छूटने के बाद नशे के कारोबारी अपने मंसूबों को खुलकर अंजाम देने लगे हैं। 26 अगस्त को बड़ी कार्रवाई में जूना बिलासपुर से मौत का सबसे बड़ा जेल से लौटने के बाद अब कुछ ज्यादा ही बेखौफ हो गया है। उसके आतंक से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं।
26 अगस्त को सिटी कोतवाली थाना ने कार्रवाई करते हुए पचरी घाट जूना बिलासपुर से रंगे हाथों पिता और पुत्र को नशे की दवाइयों के साथ गिरफ्तार किया था। कुछ दिन बाद जब दोनो जेल से बाहर आए तो उनका आतंक कुछ ज्यादा ही बढ़ गया। आस-पास के रहने वालों का जीना हराम हो गया है। राजकुमार यादव ऊर्फ राका और उसका पिता राधेलाल यादव को पुलिस ने 7 सितम्बर को मारपीट करने के आरोप में जेल भेज दिया था। तीन दिन बाद जब वह बाहर आए तो उनका नशे का कारोबार दुगुना हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि राजकुमार और उसके परिवार ने मोहल्लेवासियों का जीना हराम कर दिया है। अब तो वह जान से मारने की धमकी भी देता है। मालूम हो कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर आई जी की एक टीम ने उसे 26 अगस्त को घर में घुसकर दोनों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसके पास से 354 नाइट्रोसन और नशे में प्रयोग किये जाने वाले इंजेक्शन और पांच सौ रूपए नगद बरामद किया था।
स्थानीय लोगों के अनुसार अब तो पुलिस कार्रवाई पर ही उन्हें शक होने लगा है। हमने कई बार पुलिस अधीक्षक और आईजी से उसकी शिकायत की बावजूद इसके वह सभी आरोपों से साफ बरी हो जाता है। अब तो उसने खुलेआम नशे का व्यापार करना शुरू कर दिया है। शाम होते ही उसके घर में नशेड़ियों का जमावड़ा हो जाता है। उनके बीच होने वाली बातचीत और गाली गलौच से आस पास का माहौल तनावपूर्ण रहता है।
एक महिला ने बताया कि सात सितम्बर को उसने गुप्ता परिवार पर जब हमला किया तो वह बीच बचाव करने गई थी। राजकुमार ने उसे जान से मानने के लिए एक बड़ा पत्थर उठा लिया। किसी तरह वह अपनी जान बचाई। थाने में शिकायत के बाद उसे दो दिन तक लाकअप के अंदर रखा गया। बाहर निकलने के बाद वह और खुंखार हो गया है। अब वह खुलेआम नशे का कारोबार करता है और जान से मारने की धमकी देता है।