संवेदनहीन अधिकारी का अजब जवाब…पानी नहीं तो हम क्या करें…समस्या आपकी…बताओ हम क्या करें

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर….जैसे जैसे सूरज का ताप बढ़ रहा है। अधिकारियों का भी पारा चढ़ता जा रहा है। आए दिन लोग पानी की समस्या को लेकर जिला कार्यालय पहुंच रहे हैं। चुनाव में व्यस्त होने की वजह अधिकारियों का जवाब फरि यादियों के साथ रूखा देखने को मिल रहा है। जिसके जनता आम जनता में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। जिला प्रशासन का एक संवेदनहीन जिम्मेदार आलाधिकारी कहे कि पानी की व्यवस्था करना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। यदि समस्या है तो हम क्या करें…कलेक्टर से मिलो। जाहिर सी बात है कि इस तरह के रूखे जवाब से जनता का आक्रोश घटेगा नहीं ..बल्कि बढेगा।

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                    बिलासपुर में दिनो दिन पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। जनता लगातार जिला प्रशासन के सामने पानी के लिए गुहार लगा रही है। लेकिन अधिकारी है कि लोगों की समस्या को सुनने को तैयार नहीं है। आज ऐसा ही एक मामला जिला कलेक्टर कार्यालय में आया। एक कालोनी में पिछले तीन दिनों से पानी के लिए त्राहि त्राहि है। लेकिन कालोनीवासियों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है।जिन्हें फरियाद सुनने को कहा गया है ..उनका पारा एसी में भी चढ़ा रहता है।

                                  शहर में एक सोसायटी का जिम्मेदार व्यक्ति आवेदन लेकर जिला प्रशासन के एक आलाधिकारी के सामने पहुंचा। उसने बताया कि पिछले तीन दिनों से 45 परिवार की एक कालोनी में बोरवेल्स सूख जाने से पानी नहीं मिल रहा है। फरियदा सुनते ही संवेदनहीन अधिकारी ने कहा हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं। समस्या यदि है भी तो हम कर भी क्या सकते हैं। निगम का दरवाजा खटखटाओ। यह हमारा काम नही है। टका सा जवाब पाने के बाद जिम्मेदार व्यक्ति घर लौट गया।

                                 कुछ लोगों ने बताया कि यह अधिकारी गुहार लगाने वालों के साथ ऐसा ही रूखा व्यवहार करता है। आज भी उसने ऐसा ही किया। उसने संवेदनहीनता की हदें तब पार कर कहा कि पानी की समस्या से हमारा कोई लेना देना नहीं है। मामला हमारे क्षेत्र का नहीं है। यदि है भी बताओं हम क्या करें। निगम से बोलकर टैंकर मंगाओ…और उसी से काम चलाओं। बेहतर होगा कि आप कलेक्टर से बात करो।

                                       बताते चलें कि इन दिनों देवरीखुर्द से लेकर उस्लापुर तक….तिफरा से लेकर सरकन्डा तक पानी के लिए त्राहि त्राहि मची हुई है। लेकिन इस संवेदनहीन अधिकारी का रूखा जवाब दिल को तोड़ने वाला है। खुद पानी की गुहार लगाने पहुंचे व्यक्ति ने बताया कि ऐसा अधिकारी मैने आज तक नही देखा। इस दौरान कुछ लोगों ने बताया कि संवेदनहीन अधिकारी का हमेशा इसी  तरह का व्यवहार होता है। मामले की शिकायत कलेक्टर और कमिश्नर से करेंगे। निवेदन करेंगे कि  पानी दे सको या ना दे सको कम से कम अधिकारी को ठीक से जवाब देना तो सिखाएं। पीड़ित ने बताया कि यदि एक दिन के अन्दर पानी की  समस्या दूर नहीं हुई तो कालोनी के साथ बच्चों के लेकर अधिकारी के चैम्बर में धरना देंगे।

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