बिलासपुर— हाईकोर्ट के जस्टिस संजक के.अग्रवाल ने युवती के साथ बलात्कार मामले की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बिलासपुर पुलिस कप्तान अभिषेक मीणा कोर्ट में हाजिर होंं। 17 मई को हलफनामा के साथ बताएं कि आखिर किन वजहों से महिला की एफआईआर दर्ज नहीं किया गया। आरोपी आज भी कानून के शिकंजे से दूर क्यों है। कोर्ट ने पुलिस प्रशासन को जमकर फटकारा भी हैपश्चिमी बंगाल की महिला ने राजनांदगांव के एक युवक पर शादी का झांसा देकर साल भर से लगातार रेप करने का आरोप लगाया है। इस दौरान युवक ने अपने साथी के साथ मिलकर युवती को लाखों रूपए का चूना भी लगाया है। हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद महिला ने पत्रकारों को बताया कि वह रायपुर में एक व्यूटी पार्लर में काम करती है। इस दौरान राजनांदगांव निवासी एक युवक से उसकी मुलाकात हुई। मुलाकात प्रेम में बदल गया।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे
युवती ने बताया कि जनवरी महीने में अपने दोस्त के घर सरकंडा आ रही थी। युवक ने कहा कि बिलासपुर अकेले जाना ठीक नहीं है। इसलिए वह भी साथ आया। घर पहुंचने के बाद सहेली अपना चेकअप कराने अस्पताल गयी। इसी दौरान उसके प्रेमी ने जिस्मानी रिश्ता बनाया। विरोध करने पर उसने कहा कि हम शादी करने वालें है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।
इसके बाद उसके साथी ने राजनांदगांव और रायपुर में भी सबंध बनाया। धोखाधड़ी कर अपने साथी के माध्यम से लाखों रूपए भी लिए। बाद में उसने रिश्ता तोड़ लिया। बातचीत करना बंद कर दिया। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस कप्तान बिलासपुर और सरकंडा थाना प्रभारी से की। बावजूद इसके मामला दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद डीजीपी से भी गुहार लगायी। तब कहीं जाकर एसपी मीणा के निर्देश पर सरकंडा थाना में प्रेमी आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया।
इसके बाद महिला थाना प्रभारी और सरकंडा थाना प्रभारी ने सरकंडा में रहने वाली दोस्त जिसके यहां उसके साथ अनाचार हुआ था। उस पर गवाही नहीं देने का दबाव बनाया। इसके अलावा मकान मालिक को भी धमकाया। पुलिस ने कहा कि यदि गवाही से मुकर जाए तो मुझे 420 का आरोप लगाकर जेल भेज देंगे। पुलिस ने गवाह से यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं करेगी तो उसकी हत्या हो जाएगी। लेकिन सहेली ने सच के रास्ते से हटने से इंकार कर दिया।
युवती ने बताया कि न्याय नहीं मिलने पर मैने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस संजय के अग्रवाल के कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। उन्होने पुलिस से पूछा कि अभी तक आरोपी को क्यों नहीं पकड़ा गया। आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। साथ उन्होने पुलिस कप्तान अभिषेक मीणा को 17 मई को होने वाली सुनवाई में हलफनामा के साथ उपस्थिति रहने को कहा है। युवती ने बताया कि हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि गवाह और फरियादी को सुरक्षा दी जाए। युवती के अनुसार मामले की पैरवी खुद की है।