छत्तीसगढ़ में CM भूपेश बघेल ने लागू की ‘मोर छत मोर बिजली’ योजना

Shri Mi
6 Min Read

रायपुर।जवाहर लाल नेहरू नेशनल सोलर मिशन अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 2022 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से 600 मेगावाट क्षमता के विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सौर शक्ति योजना (मोर छत मोर बिजली योजना) लागू की गई है। भूपेश सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 50 मेगा वाट के सौर संयंत्र की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।नई सरकार के गठन होते ही क्रेडा के प्रस्ताव के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा सोलर रूफटॉप रेगुलेशन में संशोधन कर नेट मीटरिंग रेगुलेशन लागू किया गया है नेट मीटरिंग लागू होते ही सोलर बिजली उत्पादन से जुड़ी हुई इकाइयों और उपभोक्ताओं में हर्ष का माहौल है। सभी संबंधित पक्षों द्वारा नई सरकार के इस कदम की सराहना की गई है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

नवीन रेगुलेशन अनुसार अब 1 किलो वाट से 1 मेगावाट क्षमता तक के ग्रिड कनेक्टेड और संयंत्र स्थापित कर हितग्राही उत्पादित विद्युत का स्वयं उपभोग कर सकेगा और ग्रिड में प्रवाहित विद्युत का नेट मीटरिंग के माध्यम से विद्युत देयक में समायोजित होगा।इस प्रणाली से हितग्राही के विद्युत व्यय में बचत होगी और उसे सस्ती दर बिजली उपलब्ध हो सकेगी।

पूर्व में ग्रिड कनेक्टेड रेगुलेशन के तहत 10 किलोवाट से ज्यादा क्षमता के संयंत्र ही संयोजन हेतु पात्र थे और ग्रिड में प्रवाहित विद्युत का समायोजन नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लेवलाइज्ड टैरिफ का 50% की दर से किया जाता था। जिससे हितग्राही को उचित लाभ प्राप्त नहीं होता था।इसके कारण सोलर के क्षेत्र में आम उपभोक्ता रुचि नहीं दिखाते थे। इस को ध्यान में रखते हुए क्रेडा के द्वारा विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई और प्रचलित प्रावधानों में संशोधन करते हेतु प्रस्ताव शासन के समक्ष रखा गया।भूपेश सरकार आते ही इस दिशा में तेजी से कार्य किया गया।मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री भूपेश बघेल द्वारा शीघ्र ही सस्ती दरों पर और आसानी से सोलर बिजली प्रदान करने के निर्देश दिए गए।तदुपरांत क्रेडा द्वारा इस हेतु शीघ्रता से प्रयास किया गया सरकार की सकारात्मक सोच के चलते हुए विद्युत नियामक आयोग द्वारा रेगुलेशन में नेट मीटरिंग का प्रावधान किया गया है।

अब सभी वर्ग के हितग्राही सौर संयंत्र की स्थापना कर ज्यादा से ज्यादा विद्युत व्यय में बचत कर सकेंगे। नवीन नेट मीटरिंग रेगुलेशन के अनुसार सभी वर्ग के विद्युत उपभोक्ता अपनी विद्युत भार क्षमता के बराबर संयंत्र की स्थापना कर सकेंगे।

इछुक हितग्राही को सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापना की अनुमति और ग्रिड संयोजन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित की वेबसाइट/वेब पोर्टल में आवेदन करना होगा.विद्युत मंडल द्वारा 7 दिन के भीतर तकनीकी मंजूरी प्रदान की जाएगी और संयंत्र की स्थापना के बाद सूचना प्राप्त होने पर अधिकतम 15 दिन के भीतर विद्युत मंडल द्वारा सौर संयंत्र का निरीक्षण कर ग्रिड संयोजन किया जाएगा।नवीन रेगुलेशन के अनुसार ग्रीड संयोजक के लिए हितग्राही को अब किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा।

इस प्रक्रिया के सफल क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित द्वारा डिस्ट्रीब्यूटर सोलर एनर्जी सेल का गठन किया जाएगा।जो कि सभी संबंधित ओं से आवश्यक समन्वय करेगा।

क्रेडा द्वारा प्रदेश के शासकीय भवनों में इस योजना का लाभ प्रदान किए जाने की दृष्टि से प्रथम चरण में लगभग 300 शासकीय भवनों का चयन किया गया है।जिसमें कुल 15 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड और सौर संयंत्र की स्थापना रेस को प्रणाली के अंतर्गत किया जाना प्रस्तावित है। चयनित स्थापनाकर्ता इकाई द्वारा हितग्राही संस्था व विभाग की छत पर सौर संयंत्र की स्थापना की जावेगी और निविदा उपरांत निर्धारित दरों पर अगले 25 सालों तक विद्युत करें अनुबंध के तहत हितग्राही संस्था विभाग को विद्युत विक्रय करेगा। उत्पादित विद्युत की राशि विद्युत मंडल द्वारा हितग्राही से वसूल कर स्थापनाकर्ता इकाई को भुगतान की जाएगी।

इस प्रकार की प्रणाली देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में लागू की जा रही है। हितग्राही और स्थापनाकर्ता इकाई के हित लाभ की दृष्टि से इस प्रणाली का प्रयोग सफल होने की प्रबल संभावना है।

चयनित शासकीय भवनों में रेसको प्रणाली के अंतर्गत ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्र की स्थापना के लिए निविदा जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्र की स्थापना से हरित ऊर्जा का उत्पादन कर परंपरागत विद्युत स्रोतों पर निर्भरता कम की जा सकेगी।

क्रेडा के द्वारा अभी तक लगभग 45 मेगावाट कुल क्षमता के रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जा चुकी है।ज्ञात हो कि क्रेडा के माध्यम से स्थापित कई प्रकार के पारंपरिक स्त्रोतों से 783 मेगावाट क्षमता के संयंत्रों से विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close