शिक्षाकर्मियों ने चार महीने से वेतन नही मिलने का लगया आरोप,अब आंदोलन के मूड में शिक्षाकर्मी

Shri Mi
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घरघोडा/रायगढ़।स्कूलों में शिक्षा का अलख जगाने वाले शिक्षाकर्मियों के समक्ष वेतन संबंधी परेशानी आये दिन खड़ी रहती है। जनपद पंचायत के अधीन कार्यरत शिक्षाकर्मियों को फरवरी माह से वेतन अब तक नहीं मिला है। इससे घरों से दूर-दराज रहने वाले शिक्षकों के समक्ष खाने के लाले पड़ गए हैं।
ब्लाक अध्यक्ष अश्वनी दर्शन ने बताया कि केवल वेतन के सहारे जीविका चलाने वाले शिक्षकों को चार माह का वेतन न मिलना बेहद चिंताजनक है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

             
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घरघोड़ा क्षेत्र के शिक्षकों को फरवरी से ही वेतन नहीं मिला है। ऐसे में जिन दुकानों से वह उधारी में सामान लेते थे उन दुकानदारों ने भी उधार देना बंद कर दिया है। ऐसे में शिक्षकों के समक्ष दो जून की रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।

उधर विभागीय सूत्रों के अनुसार मार्च के बाद नये वित्तीय वर्ष के लिए आबंटन अभी मई माह तक अप्राप्त होने के कारण वेतन लटका है ऐसे में स्थानीय प्रशासन इसे राजधानी कार्यालय के वश की बात बताकर पल्ला झाड़ रहा है और शिक्षक परेशानी में आर्थिक तंगहाली झेलते हुए कर्तव्य निर्वहन कर रहे हैं ।

शिक्षकों में आक्रोश,प्रदर्शन की तैयारी-
पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है, इसे लेकर सहायक शिक्षक फेडरेशन घरघोड़ा के अध्यक्ष अश्वनी दर्शन ने बताया कि वेतन नहीं मिलने से शिक्षाकर्मी बच्चों के स्कूल फीस, ईएमआई और रोज़मर्रा के दूसरे जरूरी काम नहीं कर पा रहे है।

ये सिर्फ आर्थिक और मानसिक परेशानी नहीं है, बल्कि वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों के सामाजिक जीवन पर भी असर पड़ रहा है। अगर शिक्षक इसी तरह तनाव में रहा, तो वो स्कूली बच्चों को क्या पढ़ाएगा। जल्द वेतन भुगतान न होने और फेडरेशन सड़क की लड़ाई लड़ने मजबूर होगा ।

बहरहाल यदि समय से शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो वाकई में हर रोज स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के प्रति नाइंसाफी होगी क्योंकि भूखे पेट पढ़ाया नहीं जा सकता।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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