24 घण्टे होगी क्वालिटी पॉवर की सप्लाई…छत्तीसगढ़ पॉवर कम्पनी का दावा…रिंंग सिस्टम से करेंगे बिजली आपूर्ति

BHASKAR MISHRA
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Bijli Bill, Electric Bill, Manohar Lal Khattar,रायपुर—छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी को आरएपीडीआरपी योजना के अन्तर्गत विद्युत उपभोक्ताओं को सेवाओं में सतत सुधार की दिशा में बड़ी कामयाबी मिली है। पॉवर कंपनी ने गुढ़ियारी में मध्य भारत की सबसे बड़ी विद्युत डिस्ट्रीब्यूशन आटोमेशन सेन्टर क्रियाशील कर सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है। रायपुर शहर की विद्युत प्रणाली में आये किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की तत्काल जानकारी मिनटों में स्काडा सेन्टर के माध्यम से मिल जायेगी।
                      पॉवर कम्पनी प्रशासन ने बताया कि स्काडा कंट्रोल सेंटर स्थापित होने से पहले कार्य को पूरा करने में लगभग एक से दो घण्टे का समय लगता था। आटोंमेशन के क्रियाशील होने से सेवा सुधार में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि उपभोक्ताओं को चौबीस घण्टे क्वालिटी पॉवर की सप्लाई हो सके। इस दिशा में पॉवर कंपनी अत्याधुनिक प्रणालियों के माध्यम से लगातार सक्रिय है। सेवा भावी संस्थान होने के कारण पॉवर कंपनी क्वालिटी पॉवर फार कन्ज्यूमर्स का टारगेट बनाते हुए पॉवर जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के अपग्रेडेशन के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता से  लिया गया है।
 गुढ़ियारी में संचालित स्काडा कंट्रोल सेंटर
                शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि गुढ़ियारी में संचालित स्काडा कंट्रोल सेंटर से रायपुर शहर में कार्यरत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों से सप्लाई को 11 के.व्ही. के 300 फीडर्स को रिंग मेन यूनिट की सहायता से एक दूसरे से जोड़कर रिंग में लाया गया है। किसी भी फीडर में फाल्ट होने की स्थिति में पास के  दूसरे फीडर से विद्युत की सप्लाई न्यूनतम समय में होने लगेगी।  इससे विद्युत बाधित अधिकांश क्षेत्रों को लम्बे समय तक अंधेरें से बचाया जा सकेगा।
          स्काडा कंट्रोल सिस्टम को कंपनी की ऊर्जा प्रौद्योगिकी केन्द्र के सेप सिस्टम से भी कनेक्ट किया गया है। फीडरों में आने वाली समस्याओं की जानकारी क्षेत्र के प्रभावित उपभोक्ताओं को आटोमेटिकली मिल जाएगी। सेंटर के माध्यम से रायपुर में स्थापित संपूर्ण 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों और निर्गमित होने वाले 11 के.वी फीडरों, वितरण ट्रांसफार्मरों और आरएमयू को एक साथ एक स्क्रीन पर देखा जा सकता है। सिस्टम पूरी तरह जीआईएस  पर आधारित है।
               शुक्ला ने जानकारी दी कि किसी भी क्षेत्र की विद्युत प्रणाली में फाल्ट होने की जानकारी स्काडा सेंटर को प्राप्त होती है। संबंधित क्षेत्र के अधिकारी से समन्वय स्थापित कर अत्यंत कम समय में विद्युत आपूर्ति बहाल कर लिया जाता है।  स्काडा सेंटर की सहायता से रायपुर क्षेत्र के सभी उपकेन्द्रों और  11 के.वी. फीडरों के जंक्शन पांइट पर स्थापित आर.एम.यू के बंद या चालू होने की जानकारी तत्काल कंट्रोल सेंटर में अर्लाम सिस्टम के माध्यम से पहुंचती है। जिससे संबंधित क्षेत्रों की सप्लाई व्यवस्था को बहाल करने में सहायता मिलती है।
उरला और सिलतरा क्षेत्र भी इस सिस्टम से जुड़ेगा
     शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि इसके अलावा रायपुर शहर स्थित उपकेन्द्रों में स्थापित उपकरणों की सभी तकनीकी जानकारियां जैसे  लोड, फीडरों का चालू-बंद होना, ट्रांसफार्मर का तापमान आदि का रिकार्ड स्काडा कंट्रोल सेंटर में दिन-रात किया जाता है। लोड फ्लो एनालिसिस कर भविष्य में बढ़ले वाले लोड इन्हेन्स का अनुमान करके बेहतर तरीके से विद्युत अधोसंरचना के निर्माण करने में सहायता मिलती है। यह सेंटर स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से भी इंटर सेंटर कंट्रोल सेंटर के माध्यम से जुड़ा है। ग्रिड में उपलब्ध पॉवर और  शहरी क्षेत्र में वितरण के लिए उपलब्ध पॉवर की समानता को दर्शाता है। योजना से उरला, सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने का काम अगले दो सालों में प्रस्तावित है। ो
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