नईदिल्ली।लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम मोदी की पार्टी बीजेपी ने प्रचंड बहुमत प्राप्त किया है. बीजेपी को 303 सीटें मिली हैं. वहीं एनडीए को 353 सीटें मिली हैं. शनिवार को पीएम मोदी ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधिति किया. अपने संबोधन से पहले पीएम मोदी ने भारत के संविधान के आगे सिर झुकाया.सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे
भारत के लोकतंत्र को सुचारू रूप से पूरे विश्व के सामने प्रतिष्ठित बनाने वाले सभी राज्यों के चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों का मैं आभार व्यक्त करना चाहता हूं. प्रचंड जनादेश कई जिम्मेदारी भी देता है. हम उसके लिए तैयार हैं.
हमें एक नई ऊर्जा के साथ देश के विकास में जुटना है. दिन प्रतिदिन भारत का लोकतंत्र इतना परिपक्व हो गया है कि यहां का वोटर सत्ता के दबाव में नहीं आने वाला. आज एनडीए के सभी वरिष्ट साथियों ने मुझे आशीर्वाद दिया है.
पीएम ने हॉल में मौजूद सभी सांसदों और नेताओं से कहा, ”दिल्ली में आकर अच्छे-अच्छे फंस जाते हैं. कोई भी मंत्री बनने के नाम पर बहकावे में न आए. वीआईपी कल्चर से बचकर रहने की भी जरूरत है.” पीएम ने कहा, एनडीए के पास दो जरूरी चीजें हैं, पहला एनर्जी और दूसरा सिनर्जी. ये एनर्जी और सिनर्जी एक ऐसा केमिकल है, जिसको लेकर हम सशक्त और सामर्थ्यवान हुए हैं, जिसको लेकर हमें आगे चलना है.
अपने भाषण के दौरान पीएम ने दलितों और अल्पसंख्यकों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों की बेहतरी की चिंता की गई होती तो अच्छा होता. लेकिन डर का माहौल बनाकर उन्हें दूर रखा गया और चुनाव के दौरान उनका वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल किया गया. इसी छल में हमें छेद करना है. पीएम ने कहा, जो हमें वोट नहीं देते वो भी हमारे हैं, जो हमारे धुर विरोधी हैं, वे भी हमारे हैं. देश के 130 करोड़ लोगों में कोई भेदभाव नहीं. पीएम मोदी के भाषण के दौरान सदन में बीजेपी के 303 और एनडीए के 353 नवनिर्वाचित सांसद मौजूद थे.
इससे पहले सर्वसम्मति से पीएम नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से हामी भरी. इसके बाद बीजेपी की सहयोगी पार्टियों ने एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर मोदी के नाम पर मुहर लगाई. सबसे पहले एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एलजेपी चीफ रामविलास पासवान ने मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी ने समर्थन किया.