बीजेपी के जाल में न फंसे राहुल गांधी, आखिर ऐसी अपील क्यों की प्रियंका ने

Shri Mi
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नई दिल्ली-
शनिवार को दिल्ली में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश करने वाले राहुल गांधी तमाम मान-मनौव्वल के बाद भी अपनी जिद पर अड़े हैं. यह अलग बात है कि लगभग पूरी की पूरी पार्टी उन पर इस्तीफा वापस लेने के लिए दबाव बनाए है. अब तो कांग्रेस महासचिव और उनकी बहन प्रियंका गांधी को आगे आना पड़ा है. प्रियंका ने यह कहकर स्थिति संभालने की कोशिश की है कि इस्तीफा देकर राहुल गांधी वास्तव में बीजेपी के बिछाए जाल में ही फंस जाएंगे.सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

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राहुल गांधी ने खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी ले दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. यह अलग बात है कि उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया. साथ ही उसे वापस लेने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं का दबाव और पड़ने लगा.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी उन्हें समझाते हुए कहा कि हार-जीत तो लगी रहती है लेकिन उन्हें (राहुल) अपना पद नहीं छोड़ना चाहिए.

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गांधी परिवार से बाहर के नेता को अध्यक्ष बनाने पर अड़े राहुल
सूत्रों का कहना है कि राहुल ने कहा है कि गांधी परिवार से बाहर का कोई भी नेता पार्टी अध्यक्ष बन सकता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले में सोनिया गांधी से हस्तक्षेप की मांग की, लेकिन सूत्रों के मुताबिक उन्होंने इससे इंकार कर दिया है. हालांकि प्रियंका का कहना है कि अगर राहुल इस्तीफ़ा देते हैं तो वह बीजेपी के जाल में फंस जाएंगे. कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी के कुछ नेता और मुख्यमंत्री अपने बेटों को ही आगे बढ़ाने में लगे हैं. ऐसे में सवाल इस बात का है कि राहुल गांधी अगर पार्टी के अध्यक्ष से इस्तीफा दे देते हैं, तो कांग्रेस की बागडोर कौन संभालेगा.

कांग्रेस शासित राज्यों का संकट भी मुंह उठाए खड़ा
एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष के इस्तीफे की रार है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस शासित राज्यों का संकट भी सिर उठा रहा है. कर्नाटक और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों पर संकट गहरा गया है. इसके बीच राजस्थान में भी असंतोष के सुर फूट रहे हैं. इसके अलावा 2020 में दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में विधासभा चुनाव होने हैं. इन राज्यों में दिल्ली और हरियाणा में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला है. इन हालात में जो भी पार्टी की कमान जो भी संभालेगा उसके लिए हताश कार्यकर्ताओं और पस्त पड़े संगठन में फिर से जान फूंकना आसान नहीं होगा.

सेकेंड लाइन न होने का खामियाजा उठा रही कांग्रेस
दूसरी ओर राहुल के बाद फिलहाल ऐसा कोई नेता कांग्रेस में दिखाई नहीं दे रहा है, जिसे पूरी पार्टी में लेकर एकराय हो. राहुल गांधी पहले ही प्रियंका को पार्टी की कमान देने की बात से दो टूक इंकार कर चुके हैं. अगर येन-केन-प्रकारेण पार्टी प्रियंका गांधी को कमान सौंपती भी है, तो इससे फिर एक गलत संदेश जाएगा. बीजेपी फिर वंशवाद के आरोप पर कांग्रेस के लिए संकट खड़ा कर सकती है. दूसरे प्रियंका भी उत्तर प्रदेश में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई हैं. उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन रायबरेली छोड़ एक भी सीट कांग्रेस नहीं जीत पाई.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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