लोकसभा चुनाव के बाद अब प्रशासनिक सर्जरी की सुगबुगाहट, बदल सकते हैं कई कलेक्टर – एसपी

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़(chhattisgarh) में संपन्न लोकसभा चुनावों के बाद अब प्रशासनिक सर्जरी की सुगबुगाहट शुरू हो गई है.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel) 3 जून को कलेक्टर कान्फ्रेंस लेने वाले हैं,जिसके बाद कयास लगाए जा रहे है कि प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल किया जा सकता है।इस फेरबदल में मंत्रालय से लेकर के जिलों के कलेक्टर (Collector)और एसपी(SP) प्रभावित हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार चुनाव के बाद अब प्रशासनिक कसावट लाकर निर्माण और विकास कार्य में तेजी लाने पर फोकस करेगी।

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साथ ही विधानसभा चुनावों में किए वायदों को पूरा करने और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए भी बढ़िया काम करने वाले अफसरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।वहीं पुअर परफॉर्मेंस वाले कुछ जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को हटाया जा सकता है।

इसके अलावा मंत्रालयों में भी कई वरिष्ठ अधिकारियों के प्रभार इधर उधर हो सकते हैं।जैसे कुछ अधिकारियों के पास ज्यादा विभाग हैं।तो कुछ अधिकारियों के पास काम नहीं है। ज्यादा प्रभार वाले अफसरों का बोझ कम हो सकता है।

विधानसभा, लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को अनेक विभागों में पदस्थ किया जा सकता है, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू, एडिशन सीईओ भारती दर्शन, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी समीर बिश्नोई को भी महत्वपूर्ण विभागों में पदस्थ किया जा सकता है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ मुख्य सचिव सुनील कुजुर समेत आधा दर्जन अधिकारी रिटायर होंगे।राज्यपाल और उच्च शिक्षा विभाग के सचिव सुरेंद्र जायसवाल इसी महीने रिटायर होने वाले हैं।वही तो उनकी जगह नए अफसरों की पोस्टिंग करनी होगी।

इधर छत्तीसगढ़ के पुलिस महकमे में भी कई अफसर इधर उधर हो सकते हैं।इनमें पुलिस मुख्यालय पी एच क्यू से लेकर कई जिलों के एसपी भी शामिल हैं।पुलिस विभाग में भी 1983 बैच के गिरधारी नायक जून में रिटायर हो रहे हैं। उनके पास अभी डीजी नक्सल ऑपरेशन जेल होमगार्ड और एसआईबी का प्रभार है।वही 1985 बैच के आईपीएस अमरनाथ उपाध्याय अगस्त में रिटायर होंगे।उनके पास वर्तमान में पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष व प्रबंध संचालक का दायित्व है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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