जिला पंचायत ने लिखा कार्रवाई पत्र…पहले प्रक्रिया शुरू हो…होशियार सरपंच ने लिया स्टे..अधिकारी परेशान और हैरान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— इसके पहले जांच कार्रवाई शुरू हो…आरोपी को कमिश्नर कार्यालय से स्टे मिल गया है। मजेदार बात है कि कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू भी नही हुई है। अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा है कि जब जांच पड़ताल की प्रक्रिया चालू ही नहीं हुई तो कमिश्नर कार्यालय को क्या जवाब दें।

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                  मालूम हो कि जिला पंचायत को मदनपुर ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव की लोगों के अलावा शासकीय स्तर पर लगातार शिकायत मिल रही थी। सरपंच और सचिव पर आरोप था कि दोनों ने मिलकर ना केवल वित्तीय अनियमितता बल्कि शासकीय कार्यों में लापरवाही की है। जिला पंचायत ने मामले में स्थानीय स्तर पर लगाए गए आरोपों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया।

                        इसी क्रम में जिला पंचायत सीईओ रितेश अग्रवाल ने आगजनी से पूर्व मदनपुर सरपंच के खिलाफ तीन अलग अलग मामले में पत्र लिखकर एसडीएम बिलासपुर और जनपद पंचायत सीईओं को जांच पड़ताल करने को कहा। जिला पंचायत सीईओ ने मदनपुर सरपंच वीरेन्द्र साहू और सचिव के खिलाफ जनपद पंचायत बिल्हा को एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया।

                       सीईओ ने दो पत्र लिखकर बिलासपुर कार्यालय को मदनपुर सरपंच के खिलाफ धारा 40 और 92 के तहत कार्रवाई की बात कही। अभी एक दिन पहले पत्र मिलने के बाद जनपद पंचायत बिल्हा और एसडीएम कार्यालय से किसी प्रकार की कार्रवाई होती…इसके पहले कमिश्नर कार्यालय से जानकारी मिली कि मामले मे वीरेन्द्र कुमार साहू को स्टे मिल गया है।

                       मजेदार बात है कि अभी विरेन्द्र कुमार के खिलाफ किसी प्रकार की जांच भी शुरू नहीं हुई थी। कार्रवाई होना दूर की बात थी। कमिश्नर कार्यालय से स्टे लेटर मिलने के बाद अधिकारी परेशान और हैरान हैं।

                                   बताते चलें कि मदनपुर ग्रामवासियों और विभागीय शिकायतों के अनुसार वीरेन्द्र कुमार साहू ने सचिव के साथ मिलकर पौधरोपण,ट्रीगार्ड और शौचालय निर्माण में भारी वित्तीय अनियमितता की है। सरपंच ने शासकीय योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार किया है। आरोप की जांच के बाद सीईओ जिला पंचायत ने बिल्हा जनपद पंचायत को पत्र लिखकर आरोपी सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा था। इसके अलावा एसडीएम कार्यालय बिलासपुर को धारा 40 और 92 के तहत जांच कर उचित कदम उठाए जाने की बात कही थी।

          इसके पहले प्रशासन किसी प्रकार की जांच पड़ताल या कार्रवाई प्रक्रिया को शुरू करता आरोपी वीरेन्द्र साहू ने कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर स्टे ले लिया। आरोापी अपने वकील के साथ कमिश्नर कोर्ट पहुंचकर बताया कि कार्रवाई से पहले निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। धारा 40 का नोटिस भी नहीं दिया गया है। प्रतिरक्षण का भी अवसर नहीं दिया गया। मात्र मौखिक कथन के आधार पर एकपक्षीय कार्रवाई का आदेश दिया गया है।

                बहरहाल लोगों में जमकर चर्चा है कि जब जांच हो चुकी है। सरपंच के खिलाफ शासकीय स्तर पर अनियमितता का होना पाया गया है। अभी कार्रवाई के लिए जनपद पंचायत बिल्हा और एसडीएम कार्यालय बिलासपुर्र को पत्र ळिखा गया है। इसी बीच बिना किसी कार्रवाई नोटिस के स्टे मिलना संदेह को जन्म देता है। अधिकारी आरोपी की होशियारी से जितना परेशान हैं..उससे कहीं ज्यादा हैरान भी हैं।

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